नई दिल्ली। राफेल पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी सियासत जारी है। अब कांग्रेस ने फैसले के तकनीकी पहलुओं को सामने रखते हुए भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने सवाल किया कि क्या सुप्रीम कोर्ट कोई जांच एजेंसी है, जो क्लीनचिट मिल गया प्रचारित किया जा रहा है? कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने फैसले के कई पैरे पढ़े और पूछा कि सुप्रीम कोर्ट ने क्लीनचिट कहां दी है, जैसा कि यह सरकार दावा कर रही है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने फाइलें नहीं मंगवाई और नोटिंग नहीं देखी तो फिर अपनी पीठ थपथपाना कि क्लीनचिट मिल गया ये बचकानी बातें हैं। वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कांग्रेस पर निशाना साधा है।
गलत तथ्य के लिए सरकार जिम्मेदार, कोर्ट नहीं
कांग्रेस नेता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में प्रेस रिपोर्ट और सरकार के हलफनामे का हवाला दिया गया है। उन्होंने कहा कि फैसले में कुछ ऐसे तथ्य हैं जो शायद सरकार के हलफिया बयान के कारण सुप्रीम कोर्ट के फैसले में आए हैं। यदि सरकार कोर्ट में गलत तथ्य पेश करती है तो उसके लिए सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है न कि कोर्ट।
भाजपा बोली, राहुल को पाक अदालतों पर भरोसा
भाजपा प्रवक्ता राव ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की अदालतों पर वह भरोसा कर सकते हैं, लेकिन हमारे सुप्रीम कोर्ट पर उन्हें भरोसा नहीं है। राव ने आगे कहा कि इमरान खान और हाफिज सईद पर उन्हें (कांग्रेस अध्यक्ष) विश्वास है, लेकिन वह आईएएफ और आर्मी पर विश्वास नहीं करेंगे।
खड़गे बोले, सीएजी को तलब करेगी पीएसी
पीएसी के चेयरमैन मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में झूठ बोला है कि कैग की रिपोर्ट को सदन में और पीएसी के समक्ष रखा जा चुका है और पीएसी ने इसकी जांच भी की। उन्होंने कहा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि यह पब्लिक डोमेन में है लेकिन यह कहां है? क्या आपने इसे देखा है? हम सीएजी को तलब करेंगे।
कैग रिपोर्ट, पीएसी के पैरा में संशोधन की मांग के लिए केंद्र पहुंचा SC
इधर, केंद्र ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर शीर्ष अदालत के फैसले में उस पैराग्राफ में संशोधन की मांग की है, जिसमें सीएजी रिपोर्ट और संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के बारे में संदर्भ है। सुप्रीम कोर्ट में शनिवार को केंद्र सरकार की ओर से दाखिल आवेदन में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पैरा 25 में त्रुटि हुई है। राफेल की कीमत को लेकर हमने सीलबंद लिफाफे में जो जानकारी दी थी, उसमें हमने सीएजी की रिपोर्ट को पीएसी के पास भेजने की प्रक्रिया बताई थी। हमने यह नहीं कहा था कि सीएजी की रिपोर्ट पीएसी के साथ साझा की गई थी और रिपोर्ट को संसद के सामने रखा गया था। हमने सिर्फ प्रक्रिया बताई थी। लेकिन अदालत को समझने में गलतफहमी हुई है। अदालत ने फैसले में है को हो चुका समझ कर लिख दिया। इसका गलत अर्थ निकाला गया।
विवाद के बीच मोदी से मिले फ्रांस के विदेश मंत्री
दो दिवसीय भारत दौरे पर आए फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां ये ली दारियां ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान सीडीएसी और फ्रांस के एटीओएस ने भारत में सुपर कंप्यूटरों के विकास के लिए एक करार पर हस्ताक्षर किए गए।