भोपाल। पंद्रह साल बाद विपक्ष में बैठने जा रही भाजपा ने अब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की कवायद तेज कर दी है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सदन के भीतर और बाहर अपनी प्रभावी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए स्वयं इस पद के लिए दावेदारी कर रहे हैं, पर पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व उनके नाम पर तैयार नहीं है। ऐसी सूरत में शिवराज अपने करीबी व पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह का नाम आगे कर सकते हैं। वहीं, एट्रोसिटी एक्ट से हाल के चुनाव में हुए नुकसान के बाद भाजपा लोकसभा चुनाव को देखते हुए किसी ब्राम्हण विधायक को नेता प्रतिपक्ष बनाने पर विचार कर रही है। 15वीं विधानसभा का पहला सत्र 7 जनवरी से शुरू होने जा रहा है। भाजपा इससे एक दिन पहले विधायक दल की बैठक बुलाने जा रही है। इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष के नाम की विधिवत घोषणा की जाएगी। लेकिन इससे पहले पार्टी में नेता प्रतिपक्ष के लिए दावेदारी का सिलसिला शुरू हो गया है। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान भी नेता प्रतिपक्ष बनने की मंशा जता चुके हैं। बताया जा रहा है कि उनका इस बहाने पार्टी में भोपाल से लेकर दिल्ली तक में होने वाले हर फैसले में दखल बरकरार रहेगा। पार्टी सूत्रों का कहना है राष्ट्रीय नेतृत्व उनके नाम पर सहमत नहीं है। शिवराज नेता प्रतिपक्ष के लिए अपने करीबी खेमें में भूपेंद्र सिंह का नाम आगे बढ़ा सकते हैं। बताया जा रहा है कि पार्टी सुनियोजित रणनीति के तहत इस पद पर किसी ब्राम्हण विधायक के नाम पर विचार कर रही है। असल में एट्रोसिटी एक्ट का खामियाजा भाजपा को विस चुनाव में भुगतना पड़ा है। उसकी हार का एक प्रमुख कारण एक्ट को लेकर सवर्ण समाज की नाराजगी रही है। इसके कारण ग्वालियर- चंबल संभाग में भाजपा की सीटे कम हो गई। इसके अलावा प्रदेश की काफी सीटों पर उसका खराब प्रदर्शन रहा।
खत्म कर सकते है ब्राह्मणों की नाराजगी
चार महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा सवर्ण समाज की नाराजगी दूर करने के लिए ब्राह्मण विधायक को नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर बैठा सकती है। यदि यही फार्मूला लागू किया जाता है तो गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा, राजेंद्र शुक्ल में से किसी एक के नाम को हरी झंडी दे सकती है। तीनों ही विधायक वरिष्ठ और अनुभवी है।
भार्गव कर रहे हैं लॉबिंग
मौजूदा विधानसभा में वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव ने तो नेता प्रतिपक्ष पद के लिए लॉबिंग भी तेज कर दी है। वे आठ बार के विधायक है। इस नाते संसदीय प्रक्रिया के जानकार हैं। बता दें कि भार्गव ने पिछल दिनों संघ दμतर समिधा पहुंचकर वरिष्ठ पदाधिकारियों से मुलाकात भी की थी। बताया जा रहा है कि उनके बीच नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर चर्चा हुई थी।