नई दिल्ली। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि सभी विदेशियों को भारतीय कानून का सम्मान करना होगा। जो विदेशी कानून का उल्लंघन करते पाए जाएंगे वे दंड के भागी होंगे। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें सदा के लिए काली सूची में डाल दिया जाएगा। अधिकारी का यह बयान वीजा नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में रायटर के एक पत्रकार को भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं देने के बाद आया है। समाचार एजेंसी के दिल्ली स्थित कार्यालय में मुख्य फोटोग्राफर कैथल मैकनॉटन को विदेश यात्रा से यहां पहुंचने के बाद हवाई अड्डे से वापस भेज दिया गया। सबको करना होगा कानून का पालन विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, 'सबको कानून का पालन करना होगा। कानून का उल्लंघन करने पर नतीजा सबके लिए समान है। विदेशियों को भारतीय कानून का सम्मान करना चाहिए। विदेश यात्रा के दौरान यदि भारतीय संबंधित देश के कानून का उल्लंघन करता है तो दंड का भागी होता है।' कुछ स्थानों के लिए लेनी होगी अनुमति अधिकारी के अनुसार विदेश मंत्रालय नियमित रूप से विदेशी पत्रकारों को भारत के नियम और नियमनों की जानकारी देता है। कुछ स्थानों पर विदेशियों को अनुमति लेने की जरूरत होती है। अगर आप इन नियमों और नियमनों का उल्लंघन करते हैं तो हम कार्रवाई करने के लिए बाध्य हैं।'
पुरस्कार नहीं देते उल्लंघन की अनुमति
मई 2018 में पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित आइरिश नागरिक मैकनॉटन ने कथित तौर पर जम्मू एवं कश्मीर में बिना अनुमति प्रतिबंधित और संरक्षित क्षेत्रों की यात्रा की। वैध अनुमति के बिना राज्य से रिपोर्ट भी भेजी।
संरक्षित क्षेत्रों में बिना अनुमति यात्रा प्रतिबंधित
विदेशी (संरक्षित क्षेत्र) आदेश, 1958 के तहत संरक्षित क्षेत्रों की यात्रा करने उन्हें अनुमति लेनी होगी। इन क्षेत्रों में अरुणाचल व सिक्किम के सभी हिस्से, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर, राजस्थान और उत्तराखंड के कुछ हिस्से शामिल हैं।
क्या है विदेशी पत्रकारों के लिए वीजा नियम
नियमों के मुताबिक, कोई भी विदेशी पत्रकार, टीवी कैमरामैन या पहले से भारत में रह रहे विदेशी पत्रकार अगर प्रतिबंधित या संरक्षित क्षेत्र या जम्मू एवं कश्मीर या पूर्वोत्तर के राज्यों में जाना चाहता है तो उसे विदेश मंत्रालय (बाहरी प्रचार संभाग) के जरिये विशेष परमिट हासिल करने आवेदन करना होगा। सामान्य परिस्थितियों में भारत विदेशी पत्रकारों को तीन महीने तक का वीजा देता है। विरले मामलों में एक बार या दो बार प्रवेश के लिए छह महीने का पत्रकार वीजा जारी किया जा सकता है।