नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों से पहले किसानों को केंद्र सरकार की ओर से नए साल का तोहफा मिल सकता है। सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार उन किसानों से कृषि कर्ज पर ब्याज लेना बंद कर सकती है, जो समय पर अपनी कर्ज किस्त का भुगतान करते हैं। इससे सरकारी खजाने पर 15 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। इसके अलावा खाद्यान्न फसलों के बीमा पर प्रीमियम को भी पूरी तरह से माफ करने का प्रस्ताव है। बागवानी फसल बीमा का प्रीमियम भी कम किया जा सकता है। मप्र, छग और राजस्थान में सत्ता गंवाने के बाद केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र की बदहाली पर ध्यान केंद्रित कर रही है। पिछले कुछ दिनों के भीतर इस बारे में उच्चस्तरीय बैठकों के कई दौर चले हैं। इन बैठकों में बंपर फसल उत्पादन के बाद किसानों को उचित कीमत नहीं मिल पाने की समस्या को दूर करने की योजना पर चर्चा हुई।
इस योजना से पड़ सकता है 15 हजार करोड़ का भार