जबलपुर । शासकीय अस्पताल में कुक व सहायक कुक के पद पर कार्यरत कर्मियों का पूरा वेतन भुगतान न किए जाने के मामले को हाईकोर्ट ने काफी सख्ती से लिया। जस्टिस पीके जायसवाल की एकलपीठ ने मामले में स्पष्ट कहा है कि यदि आवेदकों के वेतन का भुगतान नहीं किया जाता तो मामले की अगली सुनवाई दौरान उमरिया सीएमएचओ को व्यक्तिगत तौर पर हाजिर होकर जवाब देना होगा। एकलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 19 जनवरी को निर्धारित की है। यह मामला निशा साकेत, पूनम पटेल, अर्चना कुशवाहा की ओर से दायर किया गया है। जिसमें कहा गया है वह शासकीय अस्पताल में कुक व सहायक कुक के पद पर पदस्थ हंै, लेकिन उन्हें पूरा वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है।
बकाया भी नहीं मिल रहा
आवेदकों का कहना है कि उन्हें बहुत ही न्यूनतम रूप से वेतन दिया जाता है, इतना ही नहीं पिछले डेढ़ वर्षों से उनके बकाया वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। आवेदकों की ओर से कहा गया कि उक्त मामले में सीएमएचओ द्वारा एनआरएचएम से भुगतान होने का हवाला दिया जाता है तो कहीं रोगी कल्याण की ओर से, हर कोई एक दूसरे पर जवाबदेही तय कर बचते आ रहे हैं।
इन्हें बनाया पक्षकार
मामले में सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, डायरेक्टर एनआरएचएम, कलेक्टर उमरिया, सीएमएचओ उमरिया व सिविल सर्जन उमरिया को पक्षकार बनाया गया है। सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने उक्त निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 19 जनवरी को निर्धारित की है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता सौरव शर्मा ने पक्ष रखा।