जबलपुर । सड़क हादसे में हुई दर्दनाक मौत के बाद परिजनों के इंतजार में मरचुरी में रखी शिक्षिका की लाश से कोई रात में आंख निकाल ले गया। छिंदवाड़ा से सिहोरा पहुंचे परिजनों ने देखा कि मृतका की आंखें गायब हैं, तो उन्होंने पुलिस सहित मरचुरी से संबंधित कर्मचारियों से पूछताछ की। इसको लेकर सिहोरा अस्पताल में घंटों हंगामा चला। पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। बादम में मामले की जांच पड़ताल सिहोरा अस्पताल के शिक्षकों ने की तो पता चला कि क्षतिग्रस्त होने से एक आंख अंदर ही धंसी हुई थी। इस घटना को लेकर पुलिस का कहना था कि रात में जब शव अंदर रखा गया था तब दोनों आंखें थीं। मरचूरी से महिला की आंख गायब होने की खबर क्षेत्र में आग की तरह फैली और चंद मिनट के बाद सैकड़ों लोगों की भीड़ मौके पर जमा हो गई। मरचुरी में हो रहे हंगामे की सूचना मिलते ही थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। प्रारंभिक पूछताछ में आंख के संबंध में कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति कुछ कहने की स्थिति में नहीं था।
ये है मामला
बताया गया है कि बुधवार सुबह 9.30 बजे वार्ड नंबर 11 स्टेट बैंक कॉलोनी सिहोरा निवासी शिक्षिका नीलमणि ताम्रकार 41 वर्ष अपनी स्कूटी क्रमांक एमपी 20 एसआर 0133 से स्कूल के लिए निकली थी। शिक्षिका पुराना बस स्टैंड दूर संचार कार्यालय के पास पहुंची, तभी कटनी की ओर से आ रहे ट्रक क्रमांक एमएच 40 बीजी 8255 ने टक्कर मार दी। हादसे में गंभीर रुप से घायल शिक्षिका को तत्काल 100 डायल की मदद से सिहोरा अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला मृतका मूलत: छिंदवाड़ा की रहने वाली है। पुलिस ने फोन पर हादसे की जानकारी परिजनों को दे दी थी।
गुरुवार को हुआ पोस्टमार्टम
बुधवार को हुए हादसे के बाद गुरुवार सुबह परिजनों की मौजूदगी में पोस्ट मार्टम किया जाना था। मृतका के पिता सी मणि ताम्रकर ने बताया कि रात उन्होंने बेटी का शव मरचुरी में रखने से पहले देखा तो दोनों आंखे सबूत थीं। सुबह बायीं आंख नहीं मिली। परिजनों के कहने पर सीनियर महिला डॉक्टर की उपस्थिति में पीएम कराया है।