इंदौर। नए इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने की चाह रखने वालों के लिए एक बुरी खबर है। शहर में 2020 से कोई भी नया इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं खोला जा सकेगा। दरअसल, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) को एक विशेषज्ञ समिति ने 2020 से किसी भी नए इंजीनियरिंग कॉलेज को मान्यता न देने को कहा है। समिति की इस सिफारिश के बाद इंदौर में कोई भी नया इंजीनियरिंग क ा ॅ ल् ा े ज् ा खोलना अब काफी मुश्किल हो जाएगा। जानकारी के अनुसार समिति ने परिषद से कहा कि देशभर में जितने भी इंजीनियरिंग कॉलेज हैं, उनमें अधिकतर सीटें खाली हैं और इन कॉलेजों से पास होने वाले 40 से 60 फीसदी स्टूडेंट्स को नौकरी नहीं मिलती है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए नए इंजीनियरिंग कॉलेजों को मान्यता नहीं दी जानी चाहिए। जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र सरकार ने इंजीनियरिंग कॉलेजों की बेहतरी के सुझाव देने के लिए आईआईटी हैदराबाद के पूर्व अध्यक्ष बीवीआर मोहन रेड्डी की अध्यक्षता में इस विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। अब इस समिति ने एआईसीटीई को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट में समिति ने एआईसीटीई से हर दो साल में इंजीनियरिंग कॉलेजों की समीक्षा करने को कहा है, ताकि यह पता चल सके कि इन कॉलेजों में सीटें बढ़ाने की जरूरत है या नहीं।
नए तकनीकी विषयों को करें शुरू
समिति ने अपनी सिफारिश में कहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेजों को नए तकनीकी विषयों को अपने यहां शुरू करना चाहिए। समिति ने कहा कि मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, सिविल, इलेक्ट्रॉनिक्स के अलावा अपने यहां रोबोटिक इंजीनियरिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस जैसे कोर्स शुरू करना चाहिए। समिति ने यह भी कहा कि इंजीनियरिंग कॉलेजों को अपने कॉलेज में परंपरागत विषयों की सीटों को बढ़ाने की अनुमति नहीं दी जाना चाहिए।
50 फीसदी सीटें रह जाती हैं खाली
समिति ने अपनी 41 पेज की रिपोर्ट में एआईसीटीई से कहा है कि पिछले कुछ सालों में इंजीनियरिंग कॉलेजों की 50 फीसदी से ज्यादा सीटें खाली रह रही हैं। इसे देखते हुए 2020 में किसी भी नए इंजीनियरिंग कॉलेज को मान्यता न देने को कहा गया है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कुछ आंकड़े भी दिए हैं। इन आंकड़ों के अनुसार 2016-17 में देशभर के 3921 इंजीनियरिंग कॉलेज की 51 फीसदी सीटें खाली रही थीं। इन कॉलेजों में बीई/बीटेक की 15.5 लाख इंजीनियरिंग सीटें हैं। आंकड़ों के अनुसार, इंजीनियरिंग की परंपरागत शाखाओं यानी इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, सिविल, मैकेनिकल में खाली सीटों का आंकड़ा लगभग 60 फीसदी रहा है।
शहर में बंद हुए कई कॉलेज
जानकारी के अनुसार इंदौर में पिछले दो साल में कई इंजीनियरिंग कॉलेज बंद हुए हैं। पिछले ही साल शहर के 3 से 4 कॉलेजों ने एआईसीटीई को कॉलेज बंद करने के लिए आवेदन दिया था, जिसके बाद इन कॉलेजों की मान्यता खत्म कर दी गई और इन्हें बंद कर दिया गया। वर्तमान में शहर में करीब 40 इंजीनियरिंग कॉलेज संचालित हो रहे हैं।