नई दिल्ली। राफेल डील पर लोकसभा में शुक्रवार को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोर्चा संभाला। कांग्रेस के सवालों का सिलसिलेवार जवाब देते हुए रक्षा मंत्री ने विपक्ष पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। सीतारमण ने कहा कि एचएएल पर कांग्रेस घड़ियाली आंसू बहा रही है। ‘रक्षा सौदे’ और ‘सुरक्षा के लिए हुए सौदे’ में अंतर है। हम कोई ‘रक्षा सौदा’ नहीं कर रहे हैं। यह सुरक्षा के लिए की गई डील है। राष्ट्रीय सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। मैं यहां तथ्य रख रही हूं। इनकी मंशा विमान खरीदने की थी ही नहीं। राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में होने के बावजूद इन्होंने इस डील को अटकाया।
निर्मला बोलीं- यूपीए के वक्त थी 737 करोड़ की डील हमने 9% कम 670 करोड़ में खरीदा
रक्षामंत्री ने कहा -इन्होंने (यूपीए सरकार ने) जब डील की थी, तब 18 विमान तैयार हालत में मिलने थे। बाकी 108 विमान 11 साल की अवधि में बनाए जाने थे। 2006 के बाद 2014 तक आप 18 विमान भी हासिल नहीं कर सके? हमने इनकी संख्या 18 से बढ़ाकर 36 की। हमें इस साल सितंबर में पहला और 2022 तक आखिरी राफेल मिल जाएगा। यूपीए के वक्त एक बेसिक राफेल की कीमत 737 करोड़ थी। हमें यह 9% कम रेट पर 670 करोड़ रुपए में मिलेगा। सेब की तुलना सेब से करें, संतरे से नहीं। सीतारमण के जवाब पर संसद में राहुल ने कहा- जब सही दाम में 126 एयरक्राμट मिल रहे थे, तब आपने केवल 36 ही क्यों खरीदे। आपने 2 घंटे जवाब दिया, लेकिन अनिल अंबानी पर नहीं बोलीं।
कांग्रेस के ‘AA’ पर याद दिलाया ‘RV’
रक्षा मंत्री के भाषण के दौरान जब कांग्रेस ने सवाल पूछा कि सौदा 'एए' के लिए किया गया? उन्हें किसने यह कॉन्ट्रैक्ट दिलवाया। इस पर सीतारमण ने कांग्रेस को जवाब दिया कि अगर आप 'एए' की बात करते हैं तो हर एए के जवाब में एक आरवी (रॉबर्ट वाड्रा) और क्यू (क्वात्रोक्की) का नाम आ जाता है। साथ ही उन्होंने कहा कि आरवी पीएम नहीं, देश के दामाद हैं।