ग्वालियर। 9 महीने के बच्चों से लेकर प्रदेश के शासकीय और अशासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले 15 वर्ष के छात्र-छात्राओं को एमआर वैक्सीन के लिए टीके लगाए जाएंगे। इसके लिए छात्रों का कक्षवार डाटा स्वास्थ्य विभाग को दिया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव शोभित जैन ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला परियोजना समन्वयकों को सर्कुलर जारी करके कहा है कि 2020 तक मीजल्स रोग निर्मूलन और रूबेला रोग नियंत्रक के लिए देश के 9 महीने से 15 वर्ष तक के बच्चों को मीजल्स टीके के स्थान पर एमआर वैक्सीन के लिए टीके लगाए जाएंगे। प्रदेश में यह अभियान जनवरी से चलाया जाना है। अभियान की सफलता के लिए शासकीय और अशासकीय स्कूलों के बच्चों को निश्चित कार्ययोजना के तहत चार- पांच सप्ताह की अवधि में एमआर वैक्सीन का टीकाकरण किया जाएगा।
पीटीएम में अभिभावकों को अभियान के बारे में बताएं
स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव ने डीईओ और डीपीसी से कहा है कि वह स्कूलों में होने वाली पैरेंट्स टीचर मीट में आने वाले हर अभिभावक को एमआर अभियान के बारे में बताएं। साथ ही स्कूलों में एमआर अभियान की जागरुकता के लिए निबंध लेखन, पोस्टर, चित्रकला प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएं व प्रार्थना स्थल बच्चों को संकल्प व टीके के फायदे के बारे में बताएं।
टीकाकरण के दिन टीकाकृत बच्चों की रिपोर्ट तैयार करना होगी
शिक्षण संस्थानों को टीकाकरण के दिन टीकाकृत बच्चों की रिपोर्ट तैयार करना होगी। अनुपस्थित व छूटे गए बच्चों की नामवार फार्म-9ए, फार्म-1 में सूची तैयार करके टीकाकरण टीम को कार्यक्रम समाप्ति के दिन ही उपलब्ध कराएं।