25-04-2024 12:22:am
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को स्वाइन फ्लू , देर रात एम्स में भर्ती || जमीन से अंतरिक्ष तक मार करने वाली घातक सेना बना रहा चीन || शीला दीक्षित के कार्यक्रम में टाइटलर को पहली पंक्ति में बिठाने पर विवाद || भाजपा को सिर्फ 2977 लोगों ने दिया 20,000 से ज्यादा चंदा || गोवा में लगा आधी आबादी पर जुर्माना  || सत्यरूप सबसे कम उम्र के भारतीय, जिन्होंने 7 पर्वत शिखर, 7 ज्वालामुखी पर्वत फतह किए  || कारवां का खुलासा: एनएसए अजित डोभाल के बेटे की कंपनी टैक्स हेवन में || उप्र के डेम के कारण 48 घंटे बाद भी मध्यप्रदेश के चार गांव जलमग्न || फेडरर लगातार 20वें साल तीसरे दौर में, नडाल भी जीते || साइना नेहवाल , पी कश्यप और किदांबी श्रीकांत दूसरे दौर में || ‘भारत को टेस्ट क्रिकेट की महाशक्ति बनाना है’  || विजयनगर थाने के पास 17 करोड़ के विवाद ने ली जान, मचा हड़कंप || अमेरिका से भारत सालाना पांच अरब डॉलर का र्इंधन खरीदेगा  || मारुति बलेनो होगी लॉन्च, बुकिंग शुरू || सुप्रीम कोर्ट में जज बने जस्टिस खन्ना और जस्टिस माहेश्वरी || अखाड़ों के शाही स्नान के साथ महाकुंभ की शुरुआत  || खड़गे ने मोदी को लिखा पत्र, कहा- राव की नियुक्ति अवैध  || ब्रेक्जिट समझौते पर 29 मार्च को होगी वोटिंग  || अब राज शाह ने छोड़ा डोनाल्ड ट्रंप का साथ ||

भोपाल।    पंद्रह वर्षों बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस के पास वादों की लिस्ट तो लंबी है, मगर उन्हें पूरा करने के स्रोत सूखते जा रहे हैं। चुनावी वर्ष में शिवराज सरकार ने न केवल प्रदेश का खजाना खाली कर दिया, बल्कि चुनाव के चलते राजस्व वसूली में भी दिसंबर के अंत तक लगभग 3537 करोड़ की कमी देखी जा रही है। 2017 के अंत में प्रदेश सरकार ने 29,394 करोड़ का राजस्व एकत्र किया था। 2018 में यह घटकर 25,857 करोड़ ही रह गया है। यह इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि अमूमन राजस्व वसूली का आंकड़ा बढ़ता ही है। पिछले वर्ष भी यह आंकड़ा 2016 की तुलना में 540 करोड़ अधिक था। लेकिन 2018 के अंत में हुई वसूली 2016 से लगभग 3000 करोड़ कम है। अब यह देखना रोचक होगा कि प्रदेश के नए मुख्यमंत्री इस खजाने को भरने के लिए क्या करते हैं? इसका तात्कालिक समाधान कुछ योजनाओं में कटौती, कुछ समाप्त करने के अलावा राजस्व के नए संसाधन तलाशने के अलावा कुछ नजर नहीं आता। इसके बावजूद आर्थिक तंगी से जूझ रही सरकार लोकसभा चुनाव तक किसी बड़ी योजना को बंद नहीं करेगी।

केंद्र से मिलने वाली मदद पर भी लग सकता है ब्रेक

  राज्य को केंद्र से मिलने वाली मदद पर भी ब्रेक की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। प्रदेश सरकार के करों की वसूली में आई कमी और नई घोषणाओं को अमल में लाने के दबाव के चलते मप्र सरकार के सामने वित्तीय संकट के आसार नजर आने लगे हैं । दरअसल चुनावी वर्ष में केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार को अनशेड्यूल राशि दी, जिसका अब उपयोगिता प्रमाण पत्र मांगा जा सकता है। बिना उपयोगिता प्रमाणपत्र के आगे की राशि जारी होने में दिक्कत आ सकती है। दरअसल केंद्र सरकार की भी वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है। वित्त विभाग के सूत्रों के अनुसार केंद्र में भी टैक्स कलेक्शन अपने टारगेट से पीछे ही चल रहा है।

peoplessamachar
NEWS EXPRESS

0

 
एक और मरीज में स्वाइन फ्लू वायरस की पुष्टि || 845 वाहनों को चेक कर 35चालकों पर लगाया 21हजार रु. का जुर्माना || समयबद्ध तरीके से उपवास करें तो बढ़ती उम्र संबंधी बीमारियों से बच सकते हैं : अध्ययन  || कैबिनेट की मंजूरी:12 राज्यों में बनेंगे 13 केंद्रीय विवि || बावड़िया रेलवे क्रॉसिंग पर फंसे वाहन, 20 मिनट तक रोकनी पड़ी ट्रेन || चारा दिखाकर भी गाड़ी में चढ़ने को तैयार नहीं आवारा गायें, कई कर्मचारियों को सींग भी मारे || कार्ड रीडर अपडेट हो रहे ATM में फंस रहे नए कार्ड || कोई भी मतदाता, मतदाता सूची में शामिल होने से वंचित न रहे: शर्मा || रामास्वामी और जाफर के शतकों से विदर्भ मजबूत || 10वीं की छात्रा पर किए अश्लील कमेंट्स, पत्थर मारा, केस दर्ज || मास्टर ने कॉपी में नहीं बताया सही सबक, मिला नोटिस || दबोचे गए 2 तस्कर, किराए के मकान में भर रखा था गांजा || भोपाल बहुत खूबसूरत शहर है, हमें ही करनी होगी ब्रान्डिंग || ऋण भुगतान में असफल जेट एयरवेज को एतिहाद से आशा  || करंट से दौड़ने वाले रिक्शा का रूट तय करेगी सरकार || हाइवे पर कर रहे थे पुलिस बनकर वसूली सीएसपी को देखा तो कार छोड़ भागे ||
© Copyright 2016 By Peoples Samachar.