भोपाल । टीचर का काम पढ़ाना है, इसलिए उन्हें कॉलेज में होना चाहिए। कॉलेजों से मुख्यालयों में डेपुटेशन पर गए टीचरों को उनके कॉलेजों में भेजा जाएगा। निर्धारित प्रक्रिया के तहत असिस्टेंट रजिस्ट्रार व डिप्टी रजिस्ट्रार का प्रमोशन कर शीघ्र ही रजिस्ट्रार की कमी दूर की जाएगी। यह बात उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने पीपुल्स समाचार से कही। प्रस्तुत है उनसे चर्चा के कुछ अंश।
प्रश्न : उच्च शिक्षा के गिरते स्तर को उठाने के लिए आपने क्या योजना बनाई है।
जवाब : उच्च शिक्षा युवाओं का टर्निंग प्वाइंट होता है। यहीं से उनके जीवन की दिशा और दशा तय होती है। इसलिए इसका सशक्त होना आवश्यक है। हम सबसे पहले विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में शैक्षणिक कैलेंडर का अक्षरश: पालन कराना सुनिश्चित करेंगे। इसके साथ ही विद्यार्थियों को फैकल्टी व सुविधाएं उपलब्ध हों इसके प्रयास किए जाएंगे।
प्रश्न : उच्च शिक्षा को आधुनिक बनाने की दिशा में क्या कदम उठाए जाएंगे। जवाब : आज के दौर में उच्च शिक्षा का मापदंड दो तरीके से प्रतिस्पर्धी दुनिया में कायम हो सकता है। अब उच्च स्तर की तकनीक, आधाभूत ढांचा तैयार करके उच्च स्तर के प्रोफेसर सही मापदंड में काम करेंगे तो देश और दुनियाभर के युवा मध्यप्रदेश के संस्थानों में पढ़ने आएंगे। हमारी कोशिश होगी कि हम उस तरीके से काम करें।
प्रश्न : दूसरे विभागों और मुख्यालय में अटैच प्रोफेसरों का अटैचमेंट खत्म होगा या फिर पुरानी व्यवस्था यथावत रहेगी? जवाब : बिल्कुल, जो विवि के प्रोफेसर अन्य विभागों में डेपुटेशन पर हैं, उन्हें शीघ्र ही उनकी मूल पदस्थापना में भेजा जाएगा। मैं समझता हूं कि टीचर का काम पढ़ाने का है, उन्हें दूसरी जगह काम नहीं करना चाहिए।