जबलपुर। वर्षो शहर में नाले, नालियों और कचरे के ढेर में गरीब महिलाएं पन्नी बीनकर गुजर बसर करती रही है। डोर टू डोर कचरा कलेक्शन तथा कचरे से बिजली उत्पादन होने से जहां पन्नी बीनने वाली महिलाओं की रोजी रोटी पर संकट आ गया है। ऐसे में सड़कों एवं गलियों में पन्नी बीनने वाली महिलाओं को सम्मानजनक जीवन गुजारा करने के लिए 120 महिलाओं के समूह को पेपर बैग निमाण का प्रशिक्षिण देकर उन्हें पर्यावरण मित्र का दर्जा दिया जा रहा है। पन्नी बीनने वाली महिलाएं तथा बच्चे जहां समाज में उपेक्षित होने के साथ समाज से कटे रहते है। इनको मुख्य धारा में जोड़ने नगर निगम ने पहल की है। महापौर स्वाती गोडबोले ने शहर की 120 महिलाओं को चयन किया है। उनको पन्नी बीनने के काम से मुक्त कराने के बाद पेपर बैग बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण प्राप्त करे के उपरांत ये महिलाएं पेपर बैग बनाया करेंगी। फिलहाल 40 महिलाओं ने प्रशिक्षण पूरा कर लिया है। नगर के पॉलीथीन की जगह व्यापारी एवं दुकानदाार पेपर बैग का इस्तेमाल करेंगे। उनके द्वारा तैयार बैग की वजह से पन्नी के बैॅगों से छुटकारा मिलेगा । पर्यावरण के लिए उनके इस योगदान की वजह से उन्हें पर्यावरण मित्र का दर्जा दिया जा रहा है। महापौर डॉ .श्रीमती स्वाती सदानंद गोडबोले ने पर्यावरण मित्रों को वितरित किए टूल किट देने के साथ ही उन्हें पर्यावरण मित्र का परिचय पत्र भी दिया।
आॅनलाइन बिक्री होग राष्टय शहरी आजीविका मिशन के माध्यम से वामा फैशन एकेडमी की संचालिका शिखा पांडे ने अपनी टीम के साथ पर्यावरण मित्रों को पेपर बैग निर्माण का प्रशिक्षण देकर उनसे पेपर बैग का उत्पादन भी शुरू कर दिया है। इस बैग की डिमांड ज्यादा बनी है जिसके चलते संस्था द्वारा पेपर बैग की आॅनलाइन बिक्री कराई जाएगी। इसके लिए नगर निगम पूरा सहयोग प्रदान करने तैयार है।