जबलपुर । जबलपुर स्थित कौशल विकास संचालनालय के डायरेक्टर द्वारा भोपाल से कार्यालय का संचालन किए जाने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी है। चीफ जस्टिस एसके सेठ व जस्टिस व्हीके शुक्ला की युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की अनुपस्थिति के बावजूद शासकीय अधिवक्ता को स्ट्रंक्शन प्राप्त कर पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं। यह मामला जबलपुर निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक 84 वर्षीय मदनमोहन शकरगाएं की ओर से दायर किया गया है। जिसमें कहा गया है कि ग्वारीघाट रोड स्थित कौशल विकास संचालनालय में विगत दो वर्षों से डायरेक्टर के पद पर संजीव सिंह पदस्थ हैं। आरोप है कि वह भोपाल में रहते है और जबलपुर नहीं आते है, वह कार्यालय का संचालन भोपाल में बैठकर कर रहे हैं। विधायक ने भी की थी शिकायत आरोप है कि कार्यालय में पदस्थ दो श्रेणी का एक अधिकारी, क्लर्क व चपरासी फाईलों को लेकर भोपाल जाते हैं। संचालक भोपाल में बैठकर फाइल में हस्ताक्षर करते हैं। याचिका में कहा गया था कि संचालनालय में पदस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों के वेतन पर सरकार 50 लाख रुपए व्यय करती है। इस संबंध में विधायक तरुण भानोत ने भी शिकायत की थी।
इन्हें बनाया पक्षकार
मामले में मप्र शासन के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव मप्र कौशल विकास विभाग व डायरेक्टर कौशल विकास विभाग को पक्षकार बनाया गया है। याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की अनुपस्थिति के बावजूद भी युगलपीठ ने शासकीय अधिवक्ता को स्ट्रंक्शन प्राप्त पक्ष रखने के निर्देश जारी किए हैं।