भोपाल। विधानसभा अध्यक्ष के पद को लेकर भाजपा ने भी दावेदारी जताते हुए पूर्व मंत्री विजय शाह का नामांकन भरवा दिया है। इसके पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ की मौजूदगी में विस अध्यक्ष के लिए एनपी प्रजापति ने अपना नामांकन पत्र प्रस्तुत किया। सदन में 52 साल बाद अध्यक्ष के लिए चुनाव हो सकता है, जबकि उपाध्यक्ष पद पर पहली बार चुनाव होगा। 1962 और 1967 में अध्यक्ष के चुनाव की नौबत आई थी। सोमवार से प्रारंभ विस सत्र के पहले दिन 228 विधायकों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। केवल दो विधायक मालिनी गौड़ और यशोधरा राजे सिंधिया ने शपथ नहीं ली। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही शिवराज सिंह चौहान ने आपत्ति जताते हुए कहा कि प्रोटेम स्पीकर के मामले में मान्य परंपरा का निर्वाह नहीं किया गया है। उधर, संभावना यह भी जताई जा रही है कि विजय शाह एन वक्त पर अपना नाम वापस ले सकते हैं।
प्ररजापति का अध्यक्ष बनना तय : कमलनाथ
भाजपा की तरफ से पूर्व मंत्री विजय शाह को उम्मीदवार बनाए जाने के कदम पर मुख्यममंत्री कमलनाथ ने कहा कि भाजपा अगर विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कराना चाहती है तो पार्टी के इस कदम का स्वागत है और मंगलवार को इस मामले में सच्चाई साबित हो जाएगी। संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कमलनाथ ने कहा कि ये उनका फैसला है। वे जैसा ठीक समझते हैं करें। सीएम ने दावा किया कि कांग्रेस प्रत्याशी एनपी प्रजापति ही विधानसभा अध्यक्ष बनेंगे।