नई दिल्ली। आर्थिक संकट से जूझ रही एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया का बोझ सरकार अब ज्यादा दिन अपने कंधों पर नहीं उठाना चाहती। सरकार इसे अगले वित्त वर्ष में बेचने की योजना बना रही है। इससे सरकार के खाते में 1 अरब डॉलर यानी 7,000 करोड़ रुपये आ सकते हैं। एक अधिकारी ने बताया कि सरकार फाइनैंशियल ईयर 2019- 2020 के दूसरे हॉफ में इसे बेचने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है। उससे पहले सरकार इसकी कुछ सहायक कंपनियों और संपत्तियों को बेचने का प्रयास करेगी। एयर इंडिया पर 55,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है। बीते साल नवंबर में वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाले मंत्रिमंडलीय पैनल ने 29,000 करोड़ रुपये के कर्ज को स्पेशल पर्पज वीकल को ट्रांसफर किए जाने को मंजूरी दी थी। यह एयर इंडिया की असेट्स होल्डिंग कंपनी है।