इंदौर। रंगजी बना कीगोदा बनी रे दुल्हनिया, सांवरी सूरत पर मोहन दिल दिवाना हो गया। चले आये इंदौर नगरिया, जैसे भजनों की धुन सुनाते हरकिशन साबू (भोंपूजी) एवं भगवान रंगनाथ की बरात में बैंड- बाजों पर नाचते-थिरकते श्रद्धालुओं और तोरण लगते ही गोविंदा-गोविंदा के जयघोष से गुंजता श्रीपद्मावती वेंकटेश देवस्थान। मौका था गोदा- रंगनाथ विवाह उत्सव का श्याम सेवा सरकार मंडल ने सभी ने बरातियों का स्वागत कर वेंकटेश रंगनाथ की अगवान की। स्वामी केशवाचार्यजी के सान्निध्य में विवाह की सारी रस्में व फेरे संपन्न कराए गए। उसके बाद गोदा-रंगनाथ की नजर उतारकर और आरती की गई। श्रीमन नारायण-नारायण की धुन पर भक्ति से डूबे श्रद्धालुओं के साथ रथयात्रा सायंकाल 6 बजे सीताश्री रेसीडेंसी, मोहताबाग से चली तो रथयात्रा मार्ग पर स्वागत एवं स्वामी केशवाचार्यजी का पाद पूजन जगहज गह पर किया गया। श्री पद्मावती वेंकटेश देवस्थान पर चल रहे ब्रह्मोत्सव के चतुर्थ दिवस पर भगवान वेंकटेश रथ पर आरूढ़ हो भक्तों को दर्शन देने भ्रमण पर निकले। रथयात्रा सुखदेव नगर, 60 फीट रोड होते हुए मंदिर परिसर पहुंची रथयात्रा मार्ग के दोनों तरफ श्रद्धालुओं की भीड़ एवं स्वागत मंचों से पुष्पवर्षा होती दिखाई दी। रथयात्रा में अयोध्या से पधारे अनंताचार्यर्जी, धरणीधाराचार्यजी भी शामिल थे।