ग्वालियर। जीवाजी विवि के दूरस्थ शिक्षण संस्थान में संचालित स्नातकस् नातकोत्तर के 19 पाठ्यक्रमों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने मान्यता नहीं दी है, इसलिए सत्र 2018-19 में कोर्सों में एडमिशन नहीं हो सकेंगे। यूजीसी ने सिर्फ एमबीए कोर्स चलाने की मान्यता दी है। यूजीसी ने देश भर के दूरस्थ शिक्षण संस्थान को अपने अधीन ले लिया है। साथ ही संचालन के लिए रेगुलेशन भी बना लिया है। रेगुलेशन के तहत कोर्सों के संचालन के लिए स्वयं का भवन, स्थाई शिक्षक, लैब, लाइब्रेरी के होना अनिवार्य है। जेयू के दूरस्थ शिक्षण संस्थान की बात करें तो बिल्डिंग तो है मगर छात्रों को पढ़ाने के लिए स्थाई शिक्षक नहीं हैं। साथ ही अन्य सुविधाओं का भी अभाव है। यही वजह है कि यूजीसी ने यूजी-पीजी के 19 कोर्सों को मान्यता नहीं दी है। संस्थान को सिर्फ एमबीए जनरल, एमबीए सीएसएम, एमबीए आरटीएम कोर्सों को चलाने की मान्यता दी है। संस्थान में पूर्व सत्रों के कोर्स रिजल्ट निकलने तक संचालित होंगे।
इन कोर्सों को नहीं मिली मान्यता
बीए, बीकॉम, बीएससी (पीसीएम, कम्प्यूटर साइंस, जेडबीसी), बीलिव एंड इन्फॉर्मेशन साइंसे, बीजेएमसी, एमए (इकोनोमिक्स, हिस्ट्री, सोशोलॉजी, इंग्लिश, हिंदी, संस्कृत, पॉलीटिकल साइंस, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, ड्राइंग एंड पेंटिंग, सोशल वर्क), एमजेएमसी, मास्टर आॅफ लाइब्रेरी साइंस इन इन्फॉर्मेशन साइंस।
कोर्स नहीं होंगे तो स्टडी सेंटर भी बंद हो जाएंगे
संस्थान के ग्वालियर संभाग में अभी लगभग 50 स्टडी सेंटर संचालित हैंं। सेंटर सिर्फ पीजीडीसीए कोर्स चला सकेंगे। यूजी-पीजी के कोर्स नहीं चला पाने के कारण सेंटर बंद हो सकते हैं, क्योंकि अधिकतर छात्र बीए, बीकॉम, बीएससी, एमए जैसे कोर्सों में प्रवेश लेते हैं। प्राइवेट कॉलेज की अपेक्षा फीस कम होने पर छात्र डिस्टेंस में एडमिशन ज्यादा लेते थे।