जबलपुर। भूख से संघर्ष करने वाले रमेश अग्रवाल इस मुकाम पर पहुंच गए हैं कि वे अब विकलांगों को भरपेट भोजन कराते हैं। गोलबाजार क्षेत्र में सड़क किनारे भोजनालय करने के साथ ही उन्होंने विकलांगों की सेवा के लिए उन्हें नि:शुल्क भोजन कराने का संकल्प लिया और वे 10 सालों से विकलांगों को नि:शुल्क भोजन करा रहे हैं। गौरतलब है कि गोलबाजार में सड़क किनारे भोजनालय चलाने वाले रमेश ने ठेले में बाकायदा लिखा भी है कि कोई भी विकलांग यहां नि:शुल्क भोजन कर सकता है। सुबह से रात तक वे लगभग 25-30 विकलांगों को प्रतिदिन खाना खिलाते हैं।
विपरीत परिस्थितियां देखीं
इस संबंध में रमेश ने बताया कि उन्होंने बचपन में बहुत गरीबी का सामना किया है। हाल ये था कि घर के सदस्यों के साथ उन्हें भी एक टाइम ही भोजन मिल पाता था। कई बार तो सिर्फ नमक चावल खाकर उन्होंने भूख की ज्वाला को शांत किया। युवावस्था में आने तक उनके मन में विचार आया कि वे ऐसा कुछ नया करेंगे ताकि कोई भूखा न रहे।
स्वमेव ली प्रेरणा
कक्षा चौथी तक पढ़े अग्रवाल ने बताया कि गरीबों को भोजन कराने उन्होंने स्वयं प्रेरणा ली थी और शुरू में एक-दो किलो चावल और सब्जी से काम शुरू किया था। अब उनके पास प्रतिदिन दो दर्जन से अधिक विकलांग खाना खाने पहुंच रहे हैं। सुबह 9 बजे से रात 8 बजे तक उनके खोपचे में हमेशा भीड़ देखी जा सकती है। वे प्रतिदिन 8 से 10 किलो की रोटियां और 30 किलो चावल तैयार करते हैं। अन्य लोगों की अपेक्षा वे पहले विकलांगों की सेवा करते हैं।