भोपाल। सुल्तानिया जनाना अस्पताल को इस साल मेडिसिन के लिए एक करोड़ 40 लाख रुपए आवंटित किए गए थे। इसमें भी अभी 22 लाख रुपए बचे हुए हैं। इसके बावजूद अस्प्ताल में करीब 20 दिन से कई जरूरी इंजेक्शन और दवाओं की कमी बनी हुई है। इससे यहां भर्ती महिलाओं के परिजन परेशान हैं और उन्हें कई दवाएं बाजार से खरदना पड़ रहा है। इधर अस्पताल प्रबंधन दवाओं की कमी को लेकर गोलमोल जवाब दे रहा है। वह यह नहीं बता पा रहा है कि जब दवाओं के लिए बजट है, तो फिर दवा की कमी क्यों बनी हुई है। अभी स्थिति यह है कि अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए दवाएं मंगाने के लिए वार्ड इंडेन (दवाओं की मांग सूची) पर अस्पताल के स्टोर से नॉट सप्लाई लिखकर लौटाया जा रहा है। मरीज के परिजन का कहना है कि उन्हें स्टोर से दवाएं नहीं मिल रही हैं। लिहाजा बाजार से खरीदनी पड़ रही हैं।
सरकारी बैन का भी असर
आॅक्सीटोसिन इंजेक्शन का उपयोग प्रसव के दौरान मसल्स रिलेक्सेशन के लिए होता है। इसका दुरुपयोग पशुओं से ज्यादा दूध निकालने के लिए भी होता है। केंद्र ने इस पर रोक लगा दी है। सिर्फ कर्नाटका एंटीबायटिक्स को निर्माण और बिक्री का अधिकार है। सुल्तानिया प्रबंधन ने 30 हजार इंजेक्शन की डिमांड भेजी थी, लेकिन अभी तक सिर्फ 8 हजार इंजेक्शन हीं मिले हैं।