जबलपुर । म.प्र. विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कांवरे को मिले धमकी भरे दो पत्रों के बाद पुलिस नये सिरे से सक्रिय हो गई है। पुलिस का दावा है कि उसने पत्र के मुताबिक बताए गए पते पर गड्ढा खोदकर रुपए गाड़े थे और काला झंडा लगाया था लेकिन कोई भी वहां नहीं पहुंचा। पुलिस लगातार नक्सली मूवमेंट और विधान सभा उपाध्यक्ष की सुरक्षा को लेकर संजीदा तथा मुस्तैद है। गौरतलब है कि 15 दिन के भीतर जनवरी माह में दो बार मिले धमकी भरे कथित नक्सली पत्रों को लेकर उस समय शोर मचना शुरु हुआ, जब रविवार की रात एक भयंकर सड़क दुर्घटना सामने आई। बालाघाट के ग्राम साले टेका के पास हुई इस घटना में चार लोगों की मौत के बाद समूची सरकार और पुलिस महकमा भी हरकत में आ गया। पुलिस इस बात को भी पूरी तरह से झुठलाने में लगी है कि उसने धमकी भरे पत्रों की जांच बंद कर दी थी।
ये अपनाया तरीका
बताया जाता है कि विस उपाध्यक्ष को भेजे गए धमकी भरे पत्रों में बालाघाट से बैहर रोड, गागुल पारा रोड के किनारे के पते पर पुलिस पहुंची। वहां उसने एक बड़ा गड्ढा खोदकर रकम गाड़ दी और उस पर काला झण्डा लगा दिया। पुलिस अंडरग्राउण्ड होकर गड्ढे के आस- पास के तमाम क्षेत्र के मूवमेंट पर पैनी नजर बनाए रखी लेकिन तीन दिन तक वहां कोई भी नहीं पहुंचा। पुलिस ने किसी के न पहुंचने पर इसे स्वभाविक तौर पर शरारत मान लिया था।
अस्तित्व में नहीं संग्राम दलम
पुलिस सूत्रों का कहना है कि बालाघाट समेत आस पास के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में संग्राम दलम का कोई अस्तित्व नहीं है। पुलिस की कॉम्बिग गश्त से लेकर खुफिया रिपोर्ट में भी इस दल का कही भी मूवमेंट सामने नहीं आया है, यही कारण है कि इसे साजिश से ज्यादा शरारत ही माना जाता रहा।