ग्वालियर । स्कूली आॅटो में बच्चों की जान जोखिम में रहती है, साथ ही मोटर व्हीकल एक्ट में स्कूली आॅटो शामिल नहीं है। इसे लेकर परिवहन विभाग ने स्कूली आॅटो पर बैन लगाने के लिए केंद्रीय परिवहन मंत्रालय को प्रस्ताव भेज दिया है। मंत्रालय प्रस्ताव को अमल में लाता है तो स्कूली आॅटो पर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश में प्रतिबंध लग जाएगा। ग्वालियर हाईकोर्ट में स्कूली आॅटो में बच्चों को क्षमता से ज्यादा बैठाने के कारण आॅटो के दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है, जिसके कारण बच्चों की जान पर खतरा बना रहता है। हाईकोर्ट ने स्कूली आॅटो को लेकर नीति बनाने के आदेश दिए थे। इसके परिपालन में ग्वालियर आरटीओ एमपी सिंह ने स्कूली आॅटो को बैन करने का प्रस्ताव संभागीय उप परिवहन आयुक्त संजय सोनी को भेजा था, लेकिन उन्होंने इस प्रकरण पर कोई निर्णय लेने के बजाए प्रस्ताव आयुक्त डॉ. शैलेंद्र श्रीवास्तव के पास भेज दिया। गौरतलब है कि स्कूली आॅटो के ओवरलोडिंग के कारण बच्चों की जान को खतरे होने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। 14 जनवरी को हुई अवमानना याचिका की सुनवाई में आरटीओ सिंह ने कहा था कि मोटर व्हीकल एक्ट में सिर्फ स्कूल बस का प्रावधान है। स्कूली आॅटो एक्ट में शामिल नहीं हैं। परिवहन आयुक्त डॉ. श्रीवास्तव ने प्रमुख सचिव परिवहन मलय श्रीवास्तव से इस मामले में चर्चा की और स्कूली आॅटो प्रदेश में प्रतिबंधित करने पर संबंधी निर्णय लेने के बजाए केंद्रीय परिवहन मंत्रालय को प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया। प्रदेश के परिवहन महकमे ने स्कूली आॅटो बैन करने का प्रस्ताव परिवहन मंत्रालय को भेज दिया है।
बैन किया जाए या फिर दरवाजों की व्यवस्था की जाए
परिवहन विभाग ने स्कूली आॅटो को बैन करने के संबंध में परिवहन मंत्रालय को जो प्रस्ताव भेजा है, उसमें कहा गया है कि या तो स्कूली आॅटो पर प्रतिबंध लगाया जाए या फिर आॅटो में गेटों की व्यवस्था की जाए, ताकि बच्चों के आॅटो से गिरने की संभावना खत्म हो जाए।