नई दिल्ली। रेलवे के एसी क्लास में यात्रा करने वाले यात्रियों पर अब नकेल कसनी शुरू कर दी गई है। आईआरसीटीसी ने आदेश जारी करते हुए कहा कि एसी क्लास में सफर करने वाले यात्रियों को उनके गंतव्य स्टेशन आने के आधा घंटा पहले कंबल, तकिया, तौलिया व चादर को वापस करना पड़ेगा। रेलवे ने यह निर्णय इसलिए लिया है क्योंकि यात्रा अपने साथ में इनको साथ में लेकर चल देते थे। इससे रेलवे को बहुत ज्यादा आर्थिक नुकसान हो रहा था। रेलवे अधिकारियों का मानना है कि आधा घंटा पहले यात्रियों से कंबल, तकिया, तौलिया लेने से उनको बहुत कम नुकसान होगा। रेलवे केवल गरीब रथ को छोड़कर के सभी मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों के एसी कोच में यात्रियों को मुμत में कंबल, तकिया, चादर व तौलिया उपलब्ध कराता है।
4 हजार करोड़ का नुकसान
पिछले साल ट्रेनों में मिलने वाले 1.95 लाख तौलिये यात्री अपने साथ ले गए। यही नहीं, 81 हजार 736 चादरें, 55 हजार 573 तकिया के खोल, 5 हजार 38 तकिया और 7 हजार 43 कंबल भी चोरी हो चुके हैं। अधिकारियों का कहना है कि यात्रियों द्वारा की जा रही चोरियों की वजह से पिछले तीन सालों में रेलवे को 4 हजार करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। पश्चिम रेलवे के मुताबिक मंत्रालय रेलवे में हो रही चोरियों से लगातार जूझ रहा है।
दिए जा रहे हैं डिस्पोजेबल तौलिया और तकिया
लगातार चोरी से परेशान रेलवे ट्रायल के तौर पर यात्रियों को डिस्पोजेबल तौलिया और तकिया का खोल दे रहा है। रेलवे को डिस्पोजेबल बेडशीट की कीमत 132, तौलिया की 22 और तकिया की 25 रुपये पड़ती है। रेलवे यात्रियों द्वारा की जा रही चोरियों से निपटने के लिए सस्ते विकल्पों से बदलने की योजना पर भी काम कर रहा है। यही नहीं पश्चिम रेलवे के अधिकारी का कहना है कि फिलहाल कुछ ट्रेनों में ट्रायल के तौर पर डिस्पोजेबल तौलिया और तकिया के खोल दिए जा रहे हैं।
कोच अटेंडेंट करता है भरपाई
चादर और दूसरी ऐसी चीजों की चोरी की भरपाई कोच अटेंडेंट को करनी पड़ती है जबकि बाथरूम के सामान की भरपाई रेलवे करता है। यह देखना कोच अटेंडेंट की जिम्मेदारी होती है कि हर यात्री ने रेलवे की ओर से दिया गया सारा सामान वापस कर दिया हो, इसके लिए वह मुस्तैद भी रहता है लेकिन वह यात्रियों की तलाशी नहीं ले सकता।