ग्वालियर। किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए जरूरी है कि उनमें उद्यमिता का विकास कर कृषि आधारित स्वरोजगार लगाने के लिए प्रेरित किया जाए। किसान अगर खाद्य प्रसंस्करण और उपज का मूल्य संवर्धन करने लगें तो उनकी आमदनी दोगुनी होने में वक्त नहीं लगेगा। राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसके राव बुधवार को कृषि महाविद्यालय में कृषकों के सशक्तिकरण पर आठ दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। आपने कहा कि किसानों को कृषि से संबंधित स्वरोजगार खाद्य प्रसंस्करण, पशुपालन, मछलीपालन आदि के लिए प्रोत्साहित करना वक्त की मांग है। उनमें उद्यमिता का विकास कर दक्षता बढ़ा दी जाए तो फिर किसानों की आय बहुत तेजी से बढ़ती दिखेगी। निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. आरएनएस बनाफर ने कहा कि मप्र में उद्यानिकी में स्वरोजगार की बहुत क्षमताएं हैं, किसानों को फल सब्जियों का प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन सिखाकर उनकी उपज को विदेश निर्यात के लिए अनुकूल बनाया जा सकता है। इससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम में राजस्थान गुजरात, उत्तरप्रदेश एवं मध्यप्रदेश के 19 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम में प्रो. केएल डांगी, प्रो. आरपी शर्मा, प्रो. एमके सक्सैना ने भी व्याख्यान दिया। संचालन डॉ. वायडी मिश्रा ने एवं आभार डॉ. शोभना गुप्ता ने जताया।