दावोस। देश के अरबपतियों की संपत्ति में पिछले साल हर दिन 2200 करोड़ रुपए का इजाफा हुआ। टॉप 1% में शामिल अमीरों की संपत्ति में 39% वृद्धि हुई। कम से कम दौलत वाली देश की 50% आबादी की संपत्ति सिर्फ 3% बढ़ी। सोमवार को आॅक्सफैम ने यह रिपोर्ट जारी की। इसके मुताबिक दुनिया के अरबपतियों की संपत्ति में पिछले साल 12% (2.5 अरब डॉलर प्रतिदिन) का इजाफा हुआ। गरीबों में शामिल दुनिया की आधी आबादी की दौलत 11% और घट गई।
पिछले साल 18 अरबपति बढ़े
आॅक्सफैम की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल देश के अरबपतियों की लिस्ट में 18 नए नाम जुड़े। इनकी संख्या 119 हो गई। इनकी कुल संपत्ति का आंकड़ा पहली बार 28 लाख करोड़ रुपए (440.1 अरब डॉलर) तक पहुंच गया। देश के सबसे बड़े अमीर मुकेश अंबानी की दौलत 2.8 लाख करोड़ रुपए है। यह केंद्र और राज्य सरकारों के मेडिकल, जन स्वास्थ्य, और पानी आपूर्ति के राजस्व और खर्चों (2.08 लाख करोड़ रुपए) से ज्यादा है।
13.6 करोड़ लोग 15 साल से कर्ज में फंसे
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के 13.6 करोड़ लोग जो कि सबसे गरीब 10% आबादी में शामिल हैं, वो साल 2004 से लगातार कर्ज में फंसे हुए हैं। आॅक्सफैम का कहना है कि गरीबों और अमीरों के बीच बढ़ता फर्क, गरीबी मिटाने के प्रयासों को खोखला कर रहा है। यह अंतर अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहा है और दुनियाभर के लोगों में इससे गुस्सा बढ़ रहा है।
अमीर-गरीब में बढ़ता अंतर चिंता की बात
इस साल वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में शामिल होने वाले राजनीतिज्ञ और कारोबारियों से आॅक्सफैम का कहना है कि अमीर-गरीब के बीच बढ़ते अंतर से निपटने के लिए तुरंत कदम उठाने की जरूरत है। दावोस में मंगलवार से वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की शुरूआत होगी। आॅक्सफैम के इंटरनेशनल एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर विन्नी ब्यानयिमा का कहना है कि यह नैतिक रूप से अपमानजनक स्थिति है कि कुछ अमीर भारतीयों की संपत्ति लगातार बढ़ रही है जबकि गरीब खाने और बच्चों की दवा के पैसों के लिए भी संघर्ष कर रहे है। इससे देश की सामाजिक- लोकतांत्रिक व्यवस्था को बड़ा नुकसान हो सकता है।