भोपाल। मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए पहले निजी और सरकारी जमीनें चिह्नित की जाएंगी, इस के बाद ही जमीनें आवंटित की जाएंगी। सोमवार को कलेक्टर कार्यालय में आयोजित बैठक में कलेक्टर डॉ. सुदाम पी. खाडे ने दो तहसीलों व पांच नजूलों के एसडीएम से मेट्रो के दो रूट (रूट -2 व 5) के लिए जमीनें चिह्नित करने के लिए कहा। उन्होंने सर्वे के लिए 7 दिन का समय दिया है। उन्होंने रूट में आने वाली सरकारी और निजी जमीनों की रिपोर्ट में खसरा नंबर शामिल करने को कहा है, ताकि जमीनें जल्द आवंटित हो सकें। गौरतलब है कि भोपाल में मेट्रो के दो रूट के लिए मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने जिला प्रशासन से जमीनें मांगनी शुरू कर दी हैं। कलेक्टर ने बैठक में अधिकारियों को जमीन का सीमांकन करने और राजस्व के साथ-साथ रूट के नक्शे का मिलान करने को भी कहा है। इससे साफ हो सकेगा कि रूटों के लिए कितनी निजी जमीनों का अधिग्रहण होना है। इसके बाद ही अतिक्रमण, बिजली लाइन हटाने जैसी कार्रवाई की जा सकेगी।
स्वाइल टेस्टिंग के लिए अब तक किए जा चुके हैं आठ गड्ढे
एम्स से हबीबगंज रेलवे स्टेशन और डीबी मॉल के सामने अब तक मेट्रो रेल के पिलर खड़े करने स्वाइल (मिट्टी) की टेस्टिंग शुरू हो गई है। वर्तमान में एम्स के पास आठ गड्ढे खोदे गए हैं, जिनकी मिट्टी का परीक्षण के लिए सैंपलिंग कर ली गई है। इसके बाद हबीबगंज स्टेशन और डीबी मॉल के सामने भी स्वाइल टेस्टिंग कराई जाएगी।
अरेरा हिल्स में बनेगा मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन का ऑफिस
बताया गया है कि नगरीय प्रशासन विभाग के पीएस ने मेट्रो रेल कॉपोरेशन के दफ्तर के लिए अलग से जमीन चिह्नित करने का प्रस्ताव प्रशासन को भेज दिया है। इसके लिए प्रशासन ने अरेरा हिल्स इलाके में जमीन भी चिह्नित करने जा रहा है। यह जमीन 5000 वर्गफीट में होगी। वर्तमान में एक खाली प्लॉट अरेरा हिल्स पर पड़ा हुआ है, वह उसे ही दिया जाएगा। बताया गया है कि जल्द ही इस जमीन के आरक्षण औप आवंटन का प्रस्ताव शासन को भेज दिया जाएगा। ज्ञात हो कि वर्तमान में नगरीय प्रशासन विभाग के दμतर में मेट्रो रेल कॉपोर्रेशन का कार्यालय लग रहा है। इसके अतिरिक्त कान्हासैया में भी मेट्रो का यार्ड बनाने के लिए 10 एकड़ जमीन आरक्षित की जा रही है। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है।
किसी जमीन पर है अतिक्रमण तो किसी का केस चल रहा
हाईकोर्ट में मेट्रो कॉर्पोरेशन के अधिकारियों ने बैठक में कहा कि डिपो के लिए तय की गई स्टड फार्म की 10 एकड़ जमीन का केस हाईकोर्ट में है। अन्य क्षेत्रों में अतिक्रमण, झुग्गी बस्तियां, कॉलोनी, पार्किंग, दुकानें आदि आड़े आ रहे हैं। इन समस्याओं को जल्द दूर करें और मेट्रो के दो रूट के लिए जमीनें उपलब्ध कराएं। इस पर एडीएम दिशा नागवंशी ने कहा कि जब तक मेट्रो के दोनों रूटों के खसरे के नंबर प्राप्त नहीं होंगे। तब तक जमीनें उपलब्ध आवंटित नहीं हो सकेंगी। हाईकोर्ट में चल रहे स्टड फार्म की जमीन के केस में स्टे वैकेट कराने का प्रयास किया जा रहा है। बैठक में जिला प्रशासन के एसडीएम -तहसीलदार, नगर निगम, बीडीए, हाउसिंग बोर्ड, बिजली विभाग, सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
सर्वे करने मैदान में उतर चुकी हैं अधिकारियों की टीमें
एम्स से सुभाष नगर तक कितनी निजी जमीनें आ रही हैं। इसमें क्या बाधाएं हैं? इसके सर्वे के लिए कोलार तहसील और एमपी नगर, गोविंदपुरा व शहर सर्कल की टीमें मैदान में उतर चुकी हैं। गोविंदपुरा सर्कल ने सुभाष नगर क्षेत्र में डिपो के लिए तथा मेट्रो रूट के दायरे में आ रही सरकारी व निजी जमीनों को चिन्हित करने का काम शुरू किया। दो दिनों पहले शहर व एमपी नगर सर्कल ने एम्स से डीबी मॉल तक के रूट का सर्वे किया। बोगदा पुल में बनने वाले जंक्शन को लेकर निजी जमीनों का सर्वे किए बिना शहर सर्कल की टीम लौट गई थी।