जबलपुर। जानलेवा बीमारी एड्स पर सरकारी महकमे की निगरानी के बाद भी बीमारी पर कंट्रोल नहीं हो पा रहा है। मंगलवार को विक्टोरिया अस्पताल में गोकलपुर से आए एक मरीज की अस्पताल परिसर में ही मौत हो गई। इलाज के पूर्व ही मौत होने के बाद परिजन उसका शव लेकर अपने घर रवाना हो गए। बताया गया है कि विक्टोरिया अस्पताल में आॅटो में युवक के परिजन उसे लेकर आए थे। उसे ओपीडी में दिखाने के पूर्व ही गंभीर रूप से घायल उस मरीज की मौत हो गई। इस संबंध में डॉ. धीरज कुमार दबंडे ने बताया कि परिजनों के द्वारा समय पर इलाज नहीं कराने से उसकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि इस लाइलाज बीमारी का यही उपाय है कि निर्धारित दवाओं का कोर्स समय पर पूरा होना चाहिए। सभी शासकीय अस्पतालों व डिस्पेंसरियों में नि:शुल्क दवाएं मिलती हैं। उन्होंने बताया कि विक्टोरिया अस्पताल में हर माह 300 मरीजों का उपचार किया जा रहा है। वहीं प्रतिदिन 30 से 35 टीबी व एचआईवी पॉजीटिव मरीज पहुंच रहे हैं। एआरटी रिपोर्ट पॉजीटिव आने पर उन्हें मेडिकल रेफर किया जाता है। इसके अलावा विक्टोरिया की 9 टीमें व एनजीओ पैथोलॉजी में टेस्ट कर एचआईवी के सर्वे में लगी हैं। मेडिकल में एआरटी सेंटर के डॉ. दीपक बरकड़े ने बताया कि एचआईवी पीड़ितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यहां संभाग से 30 से 40 एचआईवी पीड़ित आ रहे हैं। इनमें औसतन 5 नए मरीज दर्ज हो रहे हैं। गौरतलब है कि मरीजों को हर माह 2 हजार रुपए प्रतिमाह दिलाने शासन से प्रस्ताव मांगा गया है।