भोपाल। गर्मी का सीजन भले ही दूर हो, लेकिन शहर में पानी की किल्लत कभी भी बढ़ सकती है। वजह-नगर निगम का अल्टरनेट-डे पानी सप्लाई का प्लान है। इस पर अमल होता है, तो इसका सीधा असर नए शहर में पानी सप्लाई पर पड़ेगा। पुराने शहर पर इसका असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि बीते एक दशक से यहां अल्टरनेट-डे सप्लाई जैसा ही हाल है। कई वार्ड तो ऐसे हैं, जहां एक-दो दिन के बीच पानी आता है। इधर, निगम की दलील है कि गर्मियों में जल संकट की स्थिति न बने, इसलिए कोलार, बड़ी झील और नर्मदा का पानी सहेजा जा रहा है। लेकिन पीपुल्स की पड़ताल में पता चला कि निगम पानी नहीं, बल्कि पानी सप्लाई में होने वाले खर्च को कम करने के चलते ऐसा कर रहा है। निगम को सबसे ज्यादा सालाना 110 करोड़ रुपए पानी सप्लाई में खर्च करना पड़ता है, जबकि उसे वाटर टैक्स की वसूली से महज 20 से 25 करोड़ रुपए का राजस्व ही मिलता है। ऐसे में निगम को हर साल 80 से 85 करोड़ रुपए का नुकसान होता है। निगम चाह कर भी इस घाटे की भरपाई नहीं कर पा रहा। इन वार्डों में पानी की दिक्कत शहर के जिन वार्डों में लोग पानी के लिए परेशान हैं, उनमें वार्ड-5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 21, 34, 35, 36, 37, 38 शामिल हैं।
...तो आधा हो जाएगा निगम का पानी सप्लाई का खर्च
नगर निगम अगर शहर में अल्टरनेट-डे यानी एक दिन छोड़कर पानी सप्लाई करता है, तो सीधे तौर पर पानी पर होने वाला सालाना खर्च आधा हो जाएगा। यानी 110 करोड़ रुपए का खर्च 55 से 60 करोड़ रुपए पर सिमट जाएगा। इसमे वसूली 20 से 25 करोड़ कम कर दें, तो खर्च घटकर 40 से 45 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा। बता दें कि कोलार डैम, बड़ी झील और नदी से पानी उठाने से लेकर उसे सप्लाई करने तक निगम को करोड़ों रुपए का बिजली बिल चुकाना पड़ता है। इसके साथ केमिकल और पानी के ट्रीटमेंट का खर्च भी करोड़ों में होता है।
शहर के इन इलाकों में अल्टरनेट-डे सप्लाई
नारियलखेडा, जेपी नगर, पीजीबीटी कॉलेज, काजीकैंप, शाहजहांनाबाद, टीला जमालपुरा, बाल विहार, पुतली घर, इब्राहिमगंज, चांदबड, आरिफ नगर, भोपाल मेमोरियल अस्पताल, कांग्रेस नगर, जनता क्वाटर्स, सार्इंबाबा नगर, 1100 क्वाटर्स, पीएंडटी कॉलोनी, जवाहर चौक, भीम नगर, गुलमोहर, पारस सिटी, इमामीगेट, पुराना बस स्टैंड, बाल विहार, स्टेशन बजरिया, लखेरापुरा, मारवाडी रोड, मंगलवारा, इतवारा, बुधवारा, इस्लामपुरा, खटीकपुरा, जहांगीराबाद, जिंसी, बरखेड़ी, बागफरहत अफ्जा, बाग दिलकुशा, राजीव कॉलोनी आदि।
15 दिन मिलेगा पानी, वसूला जाएगा महीने भर का टैक्स
जानकारी के अनुसार, नगर निगम हर महीने प्रति उपभोक्ता करीब 180 रुपए का वॉटर टैक्स वसूलता है। लेकिन अगर अल्टरनेट डे सप्लाई सिस्टम शुरू होता है, तो लोगों को 15 दिन ही पानी मिलेगा और उसके एवज में एक महीने का टैक्स चुकाना होगा।