जबलपुर। महर्षि अरविन्द वार्ड का जलसंकट किसी आने वाले बड़े आंदोलन की चेतावनी देता नजर आता है। यहां पर ज्यादातर आबादी पहाड़ियों पर बसी है। जहां तक नलकू पों की पाइप लाइनें डाली गई हैं। जलस्तर के तेजी से नीचे जाने के कारण इन नलकूपों से नाममात्र का पानी मिलता है जो पूरी आबादी की जरूरत पूरीकरने में कम साबित हो रहा है। ऐसे में इस वार्ड में भले ही हर तीसरे घर में हेण्डपंप या बोर हों मगर ज्यादातर सूख गए हैं जिसके कारण लोग पानी के जुगाड़ में लगे रहते हैं। महर्षि अरविन्द वार्ड में कम से कम 4पहाड़ियों पर बड़ी आबादी बसी हुई है। बरसों पहले यहां मकान बन गए थे और अभी भी जिसे जहां जगह मिलती है। मकान ब ना लेता है। यहां तक पानी पहुंचाना आसान नहीं है। इसके बावजूद बेलबाग टंकी से यहां जलापूर्ति की जाती है,पाइप लाइनें बिछी हुई हैं मगर ऊपर तक पानी नहीं मिलता। नानी के घर आई नहाने वार्ड पार्षद के निवास के सामने रहने वाले एक परिवार में आई युवती ने बताया कि वह जहां रहती है वहां नल नहीं आते पानी की बहुत दिक्कत है। नतीजतन वह पहाड़ी उतरकर अपनी नानीके घर आई है जहां पानी आता है। युवती ने पार्षद से संबंध खराब न हों इस कारण अपना परिचय नहीं दिखाया मगर उसके कथन में पूरी सच्चाई नजर आ रही थी। युवती ने बताया कि उसके ससुराल वाले यहीं से अक्सर पीने के लिए पानी ले जाते हैं।
नहीं देते लोग पानी
चर्चा के दौरान कई लोगों ने बताया कि जिनके घरों में बोर काम कर रहे हैं और पर्याप्त पानी मोटर के जरिए खींचा जा रहा है से यदि पानी मांगने जाओ तो वे मना कर देते हैं। ऐसे में पानी को लेकर झगड़े और वैमनस्यता भी बढ़ रही है। बेलबाग थाने के पास एक हेण्डपंप चालू दिखा मगर जिसका पानी पीने लायक नहीं था, सैकड़ों परिवार यहां से निस्तार लायक पानी ले जाते हैं।
पास-पास नल मगर पानी नहीं
वार्ड में सघनता से पाइप लाइन बिछाई गई हैं मगर इनमें पानी या तो बेहद धीमा या ऊंचाई पर बिलकुल नहीं मिलता। पास-पास में नल लगाए गए हैं मगर इनसे पानी नहीं आता।