गोल्ड कोस्ट। भारत ने राष्ट्रमंडल खेलों की‘नो नीडल पॉलिसी’के उल्लंघन मामले में दोषी पाए गए अपने दो एथलीटों राकेश बाबू और इरफान कोलोथुम थोडी को यहां 21वें गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों से बाहर किए जाने के विवाद के बीच निशानबाजों और पहलवानों के स्वर्णिम प्रदर्शन की बदौलत गोल्ड कोस्ट में ग्लास्गो के अपने पिछले प्रदर्शन को पीछे छोड़ दिया। भारत ने चार साल पहले ग्लास्गो में 15 स्वर्ण सहित कुल 64 पदक जीते थे, जबकि गोल्ड कोस्ट में भारत के पदकों की संख्या 17 स्वर्ण, 11 रजत और 14 कांस्य सहित 42 पदक पहुंच चुकी है। यह राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का चौथा सबसे सफल प्रदर्शन है। भारत ने दिल्ली 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए सर्वाधिक 38 स्वर्ण जीते थे। भारत ने खेलों के नौवें दिन शुक्रवार को निशानेबाजी में दो स्वर्ण सहित तीन, कुश्ती में एक स्वर्ण सहित चार पदक, टेबल टेनिस में एक रजत और मुक्केबाजी में तीन कांस्य पदक जीते। भारत पदक तालिका में तीसरे स्थान पर है। निशानेबाजी में 15 साल के अनीश भनवाला ने पुरुषों की 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल स्पर्धा में राष्ट्रमंडल खेल रिकॉर्ड बनाते हुये स्वर्णिम इतिहास रच दिया। अनीश राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण जीतने वाले सबसे युवा भारतीय निशानेबाज भी बन गए।
पांच मुक्केबाज स्वर्ण मुकाबले में, तीन को कांसा
भारत के अमित फंगल (46-49 किग्रा), गौरव सोलंकी(52), मनीष कौशिक (60), विकास कृष्णन (75)और सतीश कुमार (91 से अधिक) ने 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में शुक्रवार को मुक्केबाजी स्पर्धा में अपने अपने वर्गों के मुकाबले जीतकर फाइनल में प्रवेश कर लिया, जहां वे स्वर्ण पदक के लिए उतरेंगे, जबकि तीन मुक्केबाजों नमन तंवर, मनोज कुमार और मोहम्मद हुसामुद्दीन को सेमीफाइनल में हार कर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। भारत के आठ पुरुष मुक्केबाज सेमीफाइनल में उतरे, जिनमें पांच को जीत मिली। पांच बार की विश्व चैंपियन और ओलम्पिक पदक विजेता एमसी मैरीकॉम पहले ही फाइनल में पहुंच चुकी हैं। भारत के छह मुक्केबाज शनिवार को देश को स्वर्ण दिलाने के लिए उतरेंगे।