इस्लामाबाद अमेरिका ने मदद बंद की तो पाकिस्तान के तेवर भी बदल गए हैं। वित्तीय मदद के बदले अमेरिका की हां में हां मिलाने वाले पाकिस्तान ने अब चीन का हवाला देते हुए अपने रिश्तों की परिभाषा तय करने की कोशिश की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि वह अमेरिका के साथ वैसे ही रिश्ते चाहते हैं जैसे उनके चीन के साथ हैं। पाक पीएम ने एक इंटरव्यू में कहा, मैं कभी भी ऐसा रिश्ता नहीं चाहूंगा जहां पाकिस्तान के कंधे पर रखकर बंदूक चलाई जाए। किसी और की लड़ाई लड़ने के लिए रकम दी जाए। उन्होंने 1980 के दशक में सोवियत संघ की लड़ाई और आतंकवाद के खिलाफ चल रही जंग पर यह बात कही। हर कोई चाहता है महाशक्ति से दोस्ती खान ने खुद के अमेरिका विरोधी होने की बात को खारिज करते हुए कहा कि अमेरिकी नीतियों के साथ असहमति उन्हें अमेरिका विरोधी नहीं बनाती है। उन्होंने कहा, यह बेहद साम्राज्यवादी रवैया है।
यूं बढ़ता गया अमेरिका पाक में तनाव
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा पिछले साल अगस्त में अपनी अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया नीति की घोषणा करने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव आ गया। वहीं सितंबर में ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 30 करोड़ डॉलर की सैन्य सहायता यह कहते हुए रद्द कर दी कि वह आतंकी संगठनों के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई नहीं कर रहा है।
मोदी सरकार एंटी मुस्लिम, एंटी पाकिस्तान : इमरान इसबीच इमरान खान ने एक इंटरव्यू में एक बार फिर भारत विरोधी राग अलापा है। इमरान खान ने भारत की वर्तमान मोदी सरकार को एंटी मुस्लिम और एंटी पाकिस्तान कहा है। इमरान ने आरोप लगाया है कि भारत में चुनाव नजदीक हैं इसलिए भारत पाकिस्तान विरोधी दिखा रहा है। हालांकि इमरान ने पीएम मोदी और बीजेपी का नाम नहीं लिया लेकिन इशारों में भारत विरोधी रुख जरूर दिखाया है। इमरान ने कहा, भारत की रूलिंग पार्टी एंटी मुस्लिम, एंटी पाकिस्तान रुख रखती है।