जबलपुर। वर्ष 2018 में लगातार बालाघाट पुलिस जोन में नक्सली गतिविधियां तेज रही, वहीं दिसम्बर एवं जनवरी माह में विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कांवरे को धमकी भरे दो पत्र कथित नक्सली दलम के मिले थे जिसकी जांच में पुलिस इस शरारत मान रही थी किन्तु इसी बीच हिना कांवरे के काफिले के फॉलोगार्ड वाहन को ट्राला द्वारा टक्कर मार कर चार पुलिस कर्मियों को मार दिए जाने की घटना ने पुलिस भी नक्सली टच को लेकर आशंकित हो गई है। मामले में उच्च स्तरीय जांच प्रारंभ कर दी गई है। साल भर से चल रहे घटना क्रम को मद्देनजर रखते हुए जिले में नक्सलियों द्वारा बड़ी वारदात की आशंका से पुलिस अलर्ट मोड़ में आ चुकी है, जंगल में कॉम्बिंग गश्त तेज कर दी गई है। बालाघाट जिले में जहां नवम्बर में ,चुनाव पूर्व ही नक्सली गतिविधियों में इजाफा होने की वजह से पुलिस ने संयुक्त अभियान अभियान भी चलाया था। पुलिस की दो बार नक्सलियों से मुठभेड़ भी हुई। इसमें इनामी नक्सली भी पकड़े गए। विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कांवरे को नक्सली पत्र और फिर वाहन दुर्घटना में चार पुलिस कर्मियों की मौत की घटना के तार पुलिस आपसे में जोड़ने में जुटी है। नवम्बर में हुर्इं थीं 2 मुठभेड़ उल्लेखनीय है कि बालाघाट में नक्सली मूवमेंट के चलते सन 2018 के नवम्बर माह में थाना हटटा के गोदरी गांव के समीप जंगली में नक्सलियों ओर हॉक फोर्स में करीब 40 मिनिट तक फायरिंग हुई थी। हालांकि छह नक्सली मौक पर भाग निकले थे। इसके पूर्व 17 नवंबर को बालाघाट के बालेगांव में नक्सलियों की पुलिस से मुठभेड़ हुई थी। पुलिस ने मौके पर काफी नक्सली उपयोग की सामाग्री जब्त की थी। उक्त सभी घटनाओं को ध्यान में रखते हुए पुलिस इस नतीजे पर पहुंची है कि जिले में अब भी नक्सली गुप्त ठिकानों पर मौजूद है और बड़ी वारदात की फिराक में हैं। बड़ी संख्या में पकड़े गए थे नक्सली कुछ माह पूर्व बालाघाट पुलिस ने नक्सलियों के 11 मददगारों को पकड़ा। वहीं मंडला पुलिस ने जंगल में नक्सलियों को रसद पहुंचाने वाले एक मददगार को पकड़ा था। मध्य प्रदेश एवं छग की संयुक्त टीम ने बालाघाट की सीमा के करीब राजनांदगांव के लच्माटोला और गोला में लाखों के इनामी दो नक्सली को मुठभेड़ में मारा था। वहीं मई माह में लांजी में 5 और बिरसा इलाके में 6 नक्सलियों को घेर कर पुलिस ने पकड़ा था।