वाशिंगटन। चीन जमीन से समुद्र, अंतरिक्ष तथा साइबर क्षेत्र में आधुनिक क्षमताओं के साथ तेजी से एक मजबूत घातक बल का निर्माण कर रहा है। इसके जरिये वह क्षेत्र में तथा क्षेत्र से बाहर अपनी धाक जमाना चाहता है। अमेरिका के एक शीर्ष खुफिया अधिकारी ने यह जानकारी दी। अमेरिका के एक वरिष्ठ रक्षा खुफिया विश्लेषक डैन टेलर ने पेंटागन में कहा, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के कूटनीतिक उद्देश्यों में चीन को महाशक्ति का दर्जा दिलाना भी शामिल है। इस मौके पर अमेरिकी रक्षा विभाग ने कांग्रेस की चीन की सैन्य शक्ति : युद्ध और विजय के लिए बल का आधुनिकीकरण शीर्षक वाली रिपोर्ट जारी की। टेलर ने कहा कि चीन के नेताओं ने अपने दीर्घकालिक सैन्य आधुनिकीकरण कार्यक्रम को महाशक्ति का दर्जा हासिल करने के लिए अनिवार्य माना है। निश्चित ही चीन जमीन, वायु, समुद्र, अंतरिक्ष और सूचना क्षेत्र में क्षमताओं का विस्तार करने के साथ मजबूत घातक बल बना रहा है। इससे वह क्षेत्र में तथा उसके बाहर अपनी धाक जमा सकेगा।
तकनीकी रूप से ज्यादा सक्षम
रिपोर्ट के अनुसार, चीन मध्यम और लंबी दूरी के नए स्टील्थ अर्थात रडार से बच निकलने में सक्षम बमवर्षक भी बना रहा है। इनमें क्षेत्रीय और वैश्विक लक्ष्यों तक मार करने की क्षमता है। इन बमवर्षक विमानों के साल 2025 तक तक बेड़े में शामिल होने की संभावना है।
विदेशी बंदरगाहों तक अपनी पहुंच बढ़ा रहा
रिपोर्ट में दावा किया है कि चीन हिंद महासागर और अन्य सागरों में अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ाने के लिए पाक में ग्वादर सहित अन्य विदेशी बंदरगाहों तक अपना विस्तार कर रहा है। चीन अफ्रीका, पश्चिम एशिया और दक्षिण एशिया में वाणिज्यिक बंदरगाहों तक पहुंच बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
ताकत प्रदर्शित करने की चाह
चीन ने पिछले दशक में अदन की खाड़ी में समुद्री डकैती के खिलाफ अभियान चलाया था। इनसे उसने अपनी पीएलए की राष्ट्रीय शक्ति को प्रदर्शित करने की इच्छा दिखाई है। भविष्य में परमाणु शक्ति संतुलन, शक्ति प्रदर्शन, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम जैसे क्षेत्रों में आधुनिकीकरण पीएलए की बढ़ती क्षमताओं में अहम कारक साबित होंगे।