नई दिल्ली। केंद्र सरकार के बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और कर्नाटक हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस के रूप में नियुक्ति की। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दोनों की नियुक्ति को मंजूरी दी। इन दो नियुक्तियों से शीर्ष अदालत में जजों की संख्या 28 हो गई है। सुप्रीम कोर्ट के 5 सदस्यीय कॉलेजियम ने 11 जनवरी को दोनों जस्टिस को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाए जाने की अनुशंसा की थी। इधर, बार काउंसिल आॅफ इंडिया (बीसीआई) ने जस्टिस खन्ना के प्रमोशन का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि इससे वैसे जज अपमानित महसूस करेंगे और उनका मनोबल गिरेगा जिनकी वरिष्ठता
जस्टिस कौल ने कहा- वरिष्ठता की अनदेखी की
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल ने चीफ जस्टिस और कॉलेजियम के सदस्यों को खत लिखकर कहा था कि कॉलेजियम ने अपने फैसले में राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस नंद्राजोग और दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मेनन की वरिष्ठता की अनदेखी की है। की अनदेखी की गई है।