इंदौर । प्राइमरी और मिडिल स्कूलों के शिक्षकों को छात्रों की कॉपी चैक करते समय गलत जवाब पर मार्क कर सही जवाब लिखने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन जिले के सरकारी स्कूलों के मास्टर इस काम में कोताही करते पाए गए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी और जिले के परीक्षा नियंत्रक ने मंगलवार को जिले के दो स्कूलों पालिया के माध्यमिक और प्राथमिक बालक-बालिका स्कूल और बिजलपुर के माध्यमिक स्कूल का दौरा किया। इस दौरान अधिकारियों ने पाया कि शिक्षकों ने गलत जवाब को मार्क तो किया है, लेकिन सही जवाब छात्र को नहीं बताया है, जो शासन के निर्देशों का उल्लंघन है। इसे लेकर जिला शिक्षा अधिकारी ने इन शिक्षकों को नोटिस जारी कर सात दिनों के भीतर अपनी गलतियां सुधारने को कहा है और अगर सात दिन में इन शिक्षकों ने गलती नहीं सुधारी तो इन शिक्षकों का वेतन रोका जा सकता है।
न अंकित की दिनांक और न ही पालक को दी जानकारी
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि दोनों स्कूलों में छात्रों की वर्कबुक जांची गई। शिक्षक ने किस दिन वर्कबुक जांची, वह दिनांक अंकित नहीं थी, जबकि शासन के निर्देशानुसार वर्कबुक जिस दिन भी जांची जाए, शिक्षक को उस पर दिनांक अंकित करनी होगी। इसके साथ ही किसी भी छात्र की वर्कबुक पर उसके पालक के हस्ताक्षर भी नहीं पाए गए, जबकि यह निर्देश भी शिक्षकों को दिए गए हैं कि वे छात्र के सबक में क्या कमियां हैं, इसके लिए छात्रों से कहें कि वे पालकों से हस्ताक्षर करवाएं, ताकि पालक घर पर छात्रों को सही सबक सिखाने में मदद कर सकें।
गलत जवाबों पर लगाया राइट
जानकारी के अनुसार, दोनों ही स्कूलों के शिक्षकों ने गलत जवाबों पर भी राइट के निशान लगाए थे, जिस पर जिला शिक्षा अधिकारी ने उन्हें कड़ी फटकार भी लगाई। अधिकारी ने बताया कि हिंदी जैसे विषय की जांच में भी शिक्षकों ने गलत जवाब पर सही का निशान लगाया था, यह गलती नामाफी के काबिल है। ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
रोज किया जाएगा दौरा
जिला शिक्षा अधिकारी रोज जिले के दो-तीन स्कूलों का दौरा कर वहां की खामियां देखेंगे और जिन स्कूलों में कमी पाई गई, वहां के शिक्षकों को नोटिस भी जारी करेंगे। नोटिस जारी होने के बाद भी अगर शिक्षक नहीं सुधरते हैं, तो उन पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।