नई दिल्ली। खोजी पड़ताल करने वाले मीडिया हाउस कोबरापोस्ट ने दावा किया है कि उसे देश के सबसे बड़े 31 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले का पता चला है। यह घोटाला देश की बड़ी कंपनी डीएचएफएल ने किया है। मीडिया हाउस के मुताबिक डीएचएफएल ने कई शेल कंपनियों को करोडों रुपए का लोन दिया और फिर वही रुपया घूमकर उन कंपनियों के पास आ गया, जिनके मालिक डीएचएफएल के प्रोमोटर हैं। इस तरह 31 हजार करोड़ से ज्यादा की हेराफेरी डीएचएफएल ने खुल्लम खुल्ला की है। इसके जरिए डीएचएफएल के मालिकों ने देश और विदेश में बड़ी बड़ी कंपनीयों के शेयर और संपत्तियां खरीदीं। ये संपत्तियां भारत के अलावा इंग्लैंड, दुबई, श्रीलंका और मॉरीशस में खरीदी गई हैं। कोबरापोस्ट ने मंगलवार को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये इसका खुलासा किया। इसके मुताबिक इन संदिग्ध कंपनियों को डीएचएफएल के मुख्य हिस्सेदारों ने अपनी खुद की प्रोमोटर कंपनियों, उनकी सहयोगी कंपनियों और अन्य शैल कंपनीयों के जरिए बनाया है। कपिल वाधवन, अरुणा वाधवन और धीरज वाधवन डीएचएफएल के मुख्य साझेदार हैं। यह फर्जीवाड़ा 2014 से चल रहा है, लेकिन सेबी, आरबीआई या वित्त मंत्रालय की किसी एजेंसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।
ऐसे किया गया घोटाला...