भोपाल । यदि किसी थाना क्षेत्र में जुआ-सट्टा, मादक पदार्थ और अवैध शराब बेचने के मामले सामने आए, तो थाना प्रभारी और बीट प्रभारी जिम्मेदार होंगे। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में जरूरी है कि वे इलाके में नजर रखें और असमाजिक गतिविधियों में लगे लोगों पर सख्त कार्रवाई करें। यह निर्देश भोपाल डीआईजी धर्मेंद्र चौधरी ने दिए। उन्होंने संपत्ति संबंधी पेंडिंग मामलों का त्वरित निराकरण करने को कहा। डीआईजी ने बुधवार को पुलिस कंट्रोल रूम में अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने कहा कि अवैध रूप से जुआ-सट्टा खेलने और खिलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें । उन्होंने आदतन अपराधी और रिकार्डशुदा बदमाशों के खिलाफ तीन दिन के अंदर जिलाबदर की कार्रवाई के लिए प्रस्ताव बनाने को कहा है। उन्होंने मादक पदार्थों की तस्करी, प्रतिबंधित मेडिसिन की बिक्री वाले इलाकों को चिह्नित करने के साथ ही ऐसे स्कूल, कॉलेज और हॉस्टल का पता लगाने को कहा, जहां ड्रग्स का सेवन किया जाता हो। नशे के आदी युवकों की पहचान करने के साथ ही इलाज के लिए प्रोत्साहित करने को कहा।
पेंडिंग मामलों का जल्द से जल्द करें निपटारा
डीआईजी ने पेंडिंग मामलों का निपटारा जल्द करने के निर्देश दिए। उन्होंने मुखबिर तंत्र को मजबूत करने को कहा। उन्होंने कहा कि नगर तथा ग्राम रक्षा समिति के सदस्यों को सक्रिय करें, ताकि इलाके में चल रही अवैध गतिविधियों की जानकारी पुलिस को मिल सके और अपराधों को रोका जा सके। गिरμतारी और स्थानी वारंटों की तामीली के साथ ही बीट सिस्टम को मजबूत करने के निर्देश दिए गए हैं। बैठक में एसपी साउथ संपत उपाध्याय, एसपी मुख्यालय धर्मवीर सिंह यादव आदि मौजूद थे।
संपत्ति संबंधी अपराधों में क्राइम ब्रांच करेगी मदद
डीआईजी ने क्राइम ब्रांच अफसरों की बैठक भी ली। उन्होंने संपत्ति संबंधी अपराधों में क्राइम ब्रांच की मदद से आरोपियों को पकड़ने के निर्देश दिए। डीआईजी ने कहा कि एक लाख रुपए या उसके अधिक की चोरी और लूट के लंबित मामलों में क्राइम ब्रांच आरोपियों का पता लगाए । गैंग के रूप में दो सालों के अंदर पकड़े गए अपराधियों पर नजर रखने तथा उनकी हिस्ट्रशीट प्रारंभ कराने के निर्देश दिए गए हैं। लूट और चोरी के अनसुलझे मामलों में वरिष्ठ अधिकारियों का मार्गदर्शन प्राप्त कर खुलासा करने को कहा गया।