05-02-2025 07:38:pm
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को स्वाइन फ्लू , देर रात एम्स में भर्ती || जमीन से अंतरिक्ष तक मार करने वाली घातक सेना बना रहा चीन || शीला दीक्षित के कार्यक्रम में टाइटलर को पहली पंक्ति में बिठाने पर विवाद || भाजपा को सिर्फ 2977 लोगों ने दिया 20,000 से ज्यादा चंदा || गोवा में लगा आधी आबादी पर जुर्माना  || सत्यरूप सबसे कम उम्र के भारतीय, जिन्होंने 7 पर्वत शिखर, 7 ज्वालामुखी पर्वत फतह किए  || कारवां का खुलासा: एनएसए अजित डोभाल के बेटे की कंपनी टैक्स हेवन में || उप्र के डेम के कारण 48 घंटे बाद भी मध्यप्रदेश के चार गांव जलमग्न || फेडरर लगातार 20वें साल तीसरे दौर में, नडाल भी जीते || साइना नेहवाल , पी कश्यप और किदांबी श्रीकांत दूसरे दौर में || ‘भारत को टेस्ट क्रिकेट की महाशक्ति बनाना है’  || विजयनगर थाने के पास 17 करोड़ के विवाद ने ली जान, मचा हड़कंप || अमेरिका से भारत सालाना पांच अरब डॉलर का र्इंधन खरीदेगा  || मारुति बलेनो होगी लॉन्च, बुकिंग शुरू || सुप्रीम कोर्ट में जज बने जस्टिस खन्ना और जस्टिस माहेश्वरी || अखाड़ों के शाही स्नान के साथ महाकुंभ की शुरुआत  || खड़गे ने मोदी को लिखा पत्र, कहा- राव की नियुक्ति अवैध  || ब्रेक्जिट समझौते पर 29 मार्च को होगी वोटिंग  || अब राज शाह ने छोड़ा डोनाल्ड ट्रंप का साथ ||

नई दिल्ली। गंगाजल को बोतलबंद मिनरल पेयजल के रूप में बेचकर करोड़ों का कारोबार कर रही कंपनियों के लिए जल्द ही सख्त नियम-कानून बनाए जा सकते हैं। जल संसाधन मंत्रालय को इस कारोबार के बारे में कई शिकायतें मिली हैं, जिन पर वह विचार कर रहा है। हालांकि जल राज्य का विषय है और इन कंपनियों पर अन्य मंत्रालयों का नियंत्रण है इसलिए जल संसाधन मंत्रालय सीधे कुछ नहीं कर सकता। देश में बीते दो दशक में बोतलबंद पेयजल उद्योग तेजी से फैला है। इसके लिए कंपनियां प्राय: भूजल का इस्तेमाल कर रही हैं, जिसके लिए कई तरह के दिशा-निर्देश बने हुए हैं। लेकिन नदियों से, खासकर गंगा नदी से पानी सीधे लेकर उसको व्यावसायिक रूप से बेचने को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं हैं। इस स्थिति में कंपनियां अगर सरकार को कुछ कर देती भी हैं तो वह उनकी कमाई के मुकाबले नगण्य है। 

नमामि गंगे में कोई योगदान नहीं

नमामि गंगे अभियान के बाद गंगा नदी को लेकर जागरूकता बढ़ी। गंगा जल को बोतलबंद पेयजल के रूप में बेचकर करोड़ों का कारोबार कर रही कंपनियों पर भी ध्यान गया। लेकिन ये कंपनियां साफ-सफाई और नमामि गंगे अभियान के लिए एक पैसे का योगदान भी नहीं दे रही हैं। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने कहा, मुझे इस बारे में कई शिकायतें मेल पर मिली हैं। 

राज्यों से लेकर कई मंत्रालयों में बंटा है मुद्दा

बीते साल जल संसाधन से जुड़ी संसद की स्थायी समिति के सामने भी यह मुद्दा आया था। समिति ने मंत्रालय से कई सवाल पूछे थे। इस पर मंत्रालय ने कहा था कि जल राज्य का विषय है। इसके अलावा भारतीय मानक ब्यूरो और भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण बोतलबंद जल उद्योग व संयत्रों के संबंध में प्रमाणित एजेंसी के रूप में काम कर रहे हैं।

peoplessamachar
NEWS EXPRESS

0

 
एक और मरीज में स्वाइन फ्लू वायरस की पुष्टि || 845 वाहनों को चेक कर 35चालकों पर लगाया 21हजार रु. का जुर्माना || समयबद्ध तरीके से उपवास करें तो बढ़ती उम्र संबंधी बीमारियों से बच सकते हैं : अध्ययन  || कैबिनेट की मंजूरी:12 राज्यों में बनेंगे 13 केंद्रीय विवि || बावड़िया रेलवे क्रॉसिंग पर फंसे वाहन, 20 मिनट तक रोकनी पड़ी ट्रेन || चारा दिखाकर भी गाड़ी में चढ़ने को तैयार नहीं आवारा गायें, कई कर्मचारियों को सींग भी मारे || कार्ड रीडर अपडेट हो रहे ATM में फंस रहे नए कार्ड || कोई भी मतदाता, मतदाता सूची में शामिल होने से वंचित न रहे: शर्मा || रामास्वामी और जाफर के शतकों से विदर्भ मजबूत || 10वीं की छात्रा पर किए अश्लील कमेंट्स, पत्थर मारा, केस दर्ज || मास्टर ने कॉपी में नहीं बताया सही सबक, मिला नोटिस || दबोचे गए 2 तस्कर, किराए के मकान में भर रखा था गांजा || भोपाल बहुत खूबसूरत शहर है, हमें ही करनी होगी ब्रान्डिंग || ऋण भुगतान में असफल जेट एयरवेज को एतिहाद से आशा  || करंट से दौड़ने वाले रिक्शा का रूट तय करेगी सरकार || हाइवे पर कर रहे थे पुलिस बनकर वसूली सीएसपी को देखा तो कार छोड़ भागे ||
© Copyright 2016 By Peoples Samachar.