भोपाल। राजा भोज और नवाबों का शहर भोपाल बहुत खूबसूरत है। ये हम सब जानते हैं, लेकिन अपने शहर की खूबसूरती की तारीफ करने में पता नहीं हम क्यों झिझकते हैं और कंजूसी करते हैं। हमें अपने शहर की ब्रान्डिंग खुद करनी चाहिए। ये शहर नगर निगम का नहीं, बल्कि आपका है।आप चाहें तो इसे देश में नहीं, बल्कि दुनिया में सबसे साफ शहर बना सकते हैं। बस इसके लिए हमें सिविक सेंस की जरूरत है। यह बात महापौर आलोक शर्मा ने बुधवार को शहर के ऐतिहासिक चौक बाजार में ‘चाय पर चर्चा’ कार्यक्रम के दौरान कही। इस दौरान उनके साथ निगम आयुक्त बी विजय दत्ता भी मौजूद थे। शर्मा ने कहा कि स्वच्छ सर्वे 2017-18 में हमें सेकंड पोजीशन मिली थी, अब हमें नंबर वन बनना है। ये जनता के सहयोग के बिना मुश्किल है, क्योंकि निगम अकेले चाहे भी तो शहर को साफ नहीं कर सकता। इसके लिए हर शहरी का सहयोग चाहिए। जिस दिन स्वच्छता में सहयोग की भावना से काम करेंगे, उस दिन भोपाल को नंबर वन बनने से कोई नहीं रोक सकेगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के सर्वे में भोपाल को सबसे बेहतर रहने योग्य शहर बताया गया है। अब इसे सबसे स्वच्छ शहर भी बनाना है। महापौर ने स्वच्छता की शपथ भी दिलाई। उम्मीद से ज्यादा साफ हुआ है शहर 23 लाख की आबादी वाले शहर में 6 हजार सफाई कर्मी कचरा उठाते हैं। हमने शहर को उम्मीद से ज्यादा साफ-सुथरा बना दिया है, लेकिन अब जनता के साथ ही रहवासी और व्यापारी संघ को आगे आना होगा। इसके साथ ही जनता में सिविक सेंस की जरूरत है।
स्वच्छता पर राजनीति नहीं
महापौर ने स्वच्छता में सहयोग के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि स्वच्छता पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होेंने कहा कि इस दफा हमारा मुकाबला 4,236 शहरों से है और हमें पिछले दफा से ज्यादा मेहनत करनी है। गोशाला के लिए जमीन कराएं आवंटित: महापौर ने आयुक्त से कहा कि वह नगरीय विकास मंत्री, संभागायुक्त एवं कलेक्टर से चर्चा कर गोशालाओं के लिए अधिक जमीन आवंटित कराएं। साथ ही शहर से बाहर पिग फॉर्म बनाकर सुअरों को शिफ्ट किया जाए, ताकि शहर सूअर विहीन हो सके।