नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने शुक्रवार को पॉक्सो एक्ट के तहत मृत्युदंड को हरी झंडी देने सहित कई अहम फैसले लिए। कैबिनेट ने 12 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ दुष्कर्म और हत्या की गंभीर घटनाओं में दोषी को मौत की सजा पर पॉक्सो एक्ट में संशोधन को मंजूरी दे दी। केंद्रीय मंत्री रविशंकर ने कैबिनेट की बैठक के बाद यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों में दंड को और भी कठोर बनाने के लिए सख्त उपाय किए गए हैं। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि बच्चों का यौन अपराधों से संरक्षण होना चाहिए और मंत्रिमंडल ने यौन अपराधों से बाल संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की विभिन्न धाराओं में संशोधन को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसे अपनी मंजूरी दी।
बाल पोर्नोग्राफी से निपटने के भी किए उपाय
बाल पोर्नोग्राफी की बुराई से निपटने के लिए पोक्सो अधिनियम, 2012 की धारा-14 और धारा-15 में भी संशोधन का प्रस्ताव किया गया है। बच्चों से संबद्ध पोर्नोग्राफिक सामग्री को नष्ट नहीं करने, डिलीट नहीं करने पर जुर्माना लगाने का प्रस्ताव किया गया है। इसमें व्यापारिक उद्देश्य के लिए किसी बच्चे की किसी भी रूप में पोर्नोग्राफिक सामग्री का भंडारण करने या उस सामग्री को अपने पास रखने के लिए दंड के प्रावधानों को अधिक कठोर बनाया गया है।
नियम बनाए गए हैं और सख्त
प्रसाद ने कहा कि यह एक संपूर्ण कोशिश है जिसमें पॉक्सो अधिनियम की पूरी संरचना को न केवल मजबूत किया गया है बल्कि इसका विस्तार भी किया गया है ताकि बच्चों से उनकी बाल्यावस्था छीनने के लिए दवाइयों या हार्मोन का इस्तेमाल नहीं किया जा सके। मंत्री ने कहा कि पॉक्सो अधिनियम की संबद्ध धारा 9 को और अधिक सख्त बनाया गया है।