इंदौर । महिला उत्पीड़न रोकने को लेकर कठोर कानून बने और महिलाओं को आरक्षण दिया जाए, इस मुद्दे को लेकर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में आयोजित युवा संसद में जोरदार बहस हुई। राष्ट्रीय सेवा योजना की तरफ से विश्वविद्यालय के आॅडिटोरियम में 15वीं युवा संसद का मंचन किया गया। इस संसद में देश की संसद की तरह कई मुद्दों पर तेज बहस हुई और स्टूडेंट्स ने शपथ ग्रहण, निधन प्रस्ताव, प्रश्नकाल, नए मंत्रियों का परिचय, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, विदेशी प्रतिनिधिमंडल का स्वागत, विधेयक पारित करना और गैर-सरकारी विधेयक से संबंधित संसदीय प्रक्रियाओं का मंचन किया। 55 मिनट तक चली संसद : जानकारी के अनुसार, यह युवा संसद 55 मिनट चली, जिसमें 55 स्टूडेंट्स ने भाग लिया। युवा संसद के दौरान हुए प्रश्नकाल में किसानों की आत्महत्या का मुद्दा जोर-शोर से उठा, तो महिला उत्पीड़न, शिक्षा व्यवस्था और देश की सुरक्षा को लेकर भी बहस हुई। सदन में महिला समयबद्ध आरक्षण विधेयक पर सबसे जोरदार बहस हुई। सत्ता पक्ष और विपक्ष ने विधेयक के समर्थन और विरोध में धारदार तर्क प्रस्तुत किए। युवाओं को सांसद बनाने की नर्सरी है युवा संसद : धाकड़ : युवा संसद के दौरान मौजूद डीएवीवी के कुलपति नरेंद्र धाकड़ ने कहा कि युवा संसद युवाओं को देश का भावी सांसद बनाने की नर्सरी है। यहां युवा मुद्दों की समझ और उन्हें संसद में कैसे पेश किया जाए, यह सीखते हैं। युवा संसद के दौरान राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक प्रकाश गढ़वाल ने युवा संसद की संकल्पना पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर सांसद, प्रोफेसर चिंतामणि मालवीय, निर्णायक के तौर पर प्रोफेसर एसपी सिंह और डॉ. प्रदीपसिंह पंवार उपस्थित रहे। युवा संसद का लेखन और निर्देशन डॉ. संजय जैन ने किया।