भोपाल। सुपर नैचुरल पॉवर्स से लबरेज माविलान जनजातीय की एक लड़की कल्लूरुट्टी जो प्रकृति की बहुत अच्छी दोस्त है और जव वो पत्थर लुढ़काती है तो पूरी प्रकृति उसके साथ जाग उठती है। जब वो निराश और गुस्सा होती है तो प्रकृति हिंसक हो जाती है इस लड़की की कहानी को शुक्रवार को शहीद भवन के मंच पर दिखाई दी। मौका था आदि विद्रोही नाट्य समारोह का, जिसमें डायरेक्टर पद्मभूषण केएन पणिक्कर कल्लूरुट्टी का मंचन किया गया। मलयालम भाषा में मंचित हो रहे यह नाटक माविलान जनजातीय की लोक कथाओं पर आधारित है।
नाटक की कहानी
नाटक की कहानी कल्लूरुट्टी नाम की लड़की की है। उसमें सुपर नैचुरल पावर है। कल्लूरुट्टी के दो जुड़वा भाई पांचूरुली हैं, जिनके व्यवहार और विचार बिल्कुल एक जैसे हैं। तीनों एक-दूसरे से बहुत प्रेम करते हैं। वहीं, नाटक का एक पात्र उग्रानी एक सरकारी कर्मचारी है लेकिन उसे कोई गलत काम करने से भी परहेज नहीं। दोनों की मौत के साथ ही नाटक का अंत हो जाता है।