तिरूवनंतपुरम। केरल के सबरीमाला मंदिर में दो महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ हिंदू संगठनों ने गुरुवार को हिंसक प्रदर्शन किया। इन संगठनों द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान पथराव, वाहनों को रोकने, हिंसा और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं। हिंसा में घायल हुए 55 वर्षीय चंदन उन्नीथन की मौत हो गई। वहीं 100 से लोग घायल हो गए। पुलिस ने 266 प्रदर्शनकारियों को अरेस्ट किया है।
22 जनवरी को होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि महिलाओं के इस कदम से हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है और इसी के खिलाफ वह प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर अधिकारियों के मंदिर को बंद करने के फैसले के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर शीघ्र सुनवाई से इंकार किया। कोर्ट ने कहा, मामले में सुनवाई के लिए पहले से ही 22 जनवरी की तारीख तय है।
पुलिस टीम पर देसी बम से हमला
इधर प्रदर्शनों के बीच कुछ लोगों ने तिरुवनंतपुरम में पुलिस पर देसी बम से हमला भी किया। बताया जा रहा है कि पुलिस पर हमले के बाद मौके पर भारी सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। हालांकि हमले में कोई पुलिसकर्मी हताहत नहीं हुआ है।
महिलाएं भक्त नहीं, माओवादी थीं
राज्य सरकार की आलोचना करते हुए बीजेपी के वी. मुरलीधरन ने कहा, 2 महिलाएं सबरीमाला मंदिर में प्रवेश कर गर्इं। वे भक्त नहीं थीं, वे तो माओवादी थीं। सीपीएम ने पुलिस के साथ मिलकर एक योजना बनाई और महिलाओं को मंदिर में घुसने दिया।
सरकार ने संवैधानिक जिम्मेदारी पूरी की
सबरीमाला विवाद पर केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा, यह सरकार की जिम्मेदारी है कि महिलाओं को सुरक्षा प्रदान की जाए। सरकार ने यह संवैधानिक जिम्मेदारी पूरी की है। संघ परिवार सबरीमाला को युद्ध स्थल बनाने में तुला है।