भोपाल। सारे संसार में कोई बात मुश्किल नहीं होती है। परमात्मा पिता पर विश्वास हो तो, सब आसान हो जाता है। ब्रह्माकुमारी बहनें जो संकल्प करती हैं, वह पूरा हो जाता है, क्योंकि सब कार्य परमात्मा शिव बाबा कराते हैं। यह सब शिव बाबा का कार्य है। ब्रह्माकुमारियां तो निमित्त मात्र होती हैं। तारणहार तो बाबा हैं। भगवान कहते हैं कि मेरे बच्चो, तुम कोई भी फिक्र मत करो। सिर्फ मुझे याद करो। मैं तुम्हारे सारे कार्य आसान कर दूंगा। खुशी सबसे बड़ा गहना है। सदा खुशी में नाचते रहो। खुशी जीवन का शृंगार है। उक्त उद्गार माउंट आबू से पधारीं ब्रह्माकुमारीज संस्थान की 103 वर्षीय राजयोगिनी दादी जानकी मुख्य प्रशासिका ने व्यक्त किए। वह ब्रह्माकुमारीज के नीलबड़ स्थित सुख-शांति भवन के उद्घाटन एवं आध्यात्मिक सत्संग महोत्सव के दूसरे दिन गुरुवार को सभा को संबोधित कर रही थीं।
कॉलेज के विद्यार्थियों ने प्रस्तुतियों से बांधा समा
महोत्सव में आरडी मेमोरियल कॉलेज के विद्यार्थियों ने नमो, नमो... गीत की धुन पर नौ देवियों की जोरदार प्रस्तुति दी, जिसे देखकर पूरा पंडाल तालियों से गूंज उठा। समापन पर सभी अतिथियों ने मिलकर केक काटा और दादी जानकी का 103वां जन्मदिन मनाया। संचालन चंडीगढ़ से पधारीं बीके अनीता दीदी ने किया।
सबका मालिक एक है: शहर काजी
शहर काजी सैयद मुश्ताक अली ने कहा कि सबका मालिक और परमात्मा एक है। उस मालिक की वंदना और आराधना करने के मार्ग अलग-अलग जरूर हैं, लेकिन सभी धर्मों का मूल उद्देश्य अमन- चैन और शांति है। जब तक एकएक व्यक्ति नेक नहीं बनेंगे, तब तक शांति नहीं हो सकती है। हम उस मालिक को याद करेंगे, तो वह हमें याद करेगा। परमात्मा की याद से जीवन सुख-शांति से गुजरेगा। उसे एक मानें और सब एक बनें।
आध्यात्म ही एकमात्र मार्ग :आईजी
आईजी जयदीप प्रसाद ने कहा कि समाज में कई तरह के दुख, समस्याएं और तनाव हैं। ऐसे में अध्यात्म ही एकमात्र ऐसा मार्ग है, जिससे सभी समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है। आज समाज में ब्रह्माकुमारीज संस्थान द्वारा की जा रही सेवाओं को और बड़े स्तर पर चलाने की जरूरत महसूस हो रही है।