नई दिल्ली। रूस में एक व्यक्ति को फर्जी दस्तावेजों के साथ 10 साल से एक अस्पताल में डॉक्टर का काम करने के आरोप में गिरμतार किया गया है। पुलिस ने मामले की पड़ताल की तो पता चला कि बचपन में आरोपी शख्स ने हाईस्कूल के अपने क्लासमेट की हत्या की थी और उसका खून पिया था। अब वह पिछले 10 साल से फर्जी दस्तावेजों के जरिए एक अस्पताल में मनोरोग विशेषज्ञ के रूप में काम कर रहा था। के अनुसार कोंड्राशिन खुद को एक रक्त पिपासु इंसान मानता है। जांच कतार्ओं ने मीडिया को बताया कि आरोपी शख्य अब 36 साल का है। वह यहां चेल्याबिंस्क के यूरल्स शहर में पिछले कई वर्षों से बतौर डॉक्टर काम कर रहा था। पिछले साल नवंबर में उसके खिलाफ फर्जी डिग्री के जरिए नौकरी हासिल करने की एफआईआर दर्ज की गई थी। आरोपी का नाम बोरिस कोंड्राशिन बताया जा रहा है।