ग्वालियर। शिक्षकों ने सेवानिवृत्ति आयु 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष करने के लिए न्यायालय में याचिका लगाई थी प्रदेश भर में संचालित अनुदान प्राप्त कॉलेजों को 62 वर्ष के बाद सेवानिवृत्त होने वाले शैक्षणिक संवर्ग के अधिकारियों को पुन: ज्वॉइन कराने के आदेश दिए हैं। वेतन-भत्तों का भुगतान कॉलेजों को अपने स्तर पर ही करना होगा। उच्च शिक्षा विभाग की अपर सचिव जयश्री मिश्रा ने अनुदान प्राप्त कॉलेजों को शैक्षणिक संवर्ग के मामले में पत्र जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों ने सेवानिवृत्ति आयु 62 से 65 वर्ष करने के लिए याचिका दायर की थी। उच्चतम न्यायालय ने 1 नवंबर 18 को शिक्षकों के पक्ष में फैसला दिया है, इसलिए 62 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों को फिर से ज्वॉइन कराया जाए और उन्हें 65 वर्ष की उम्र तक रखा जाए। साथ ही शिक्षकों को नियमानुसार वेतन-भत्तों का भुगतान भी किया जाए। कॉलेजों का पालन प्रतिवेदन रिपोर्ट भी देने के निर्देश दिए गए हैं।
आदेश का पालन नहीं करने पर मान्यता खत्म की जाएगी
उच्च शिक्षा विभाग की अपर सचिव ने कॉलेजों से कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन नहीं करने वाले कॉलेजों की मान्यता खत्म करने की कार्रवाई की जाएगी। अपर सचिव ने कहा है कि कॉलेजों ने सेवानिवृत्त शिक्षकों को ज्वॉइन तो करा लिया है, मगर उन्हें वेतन नहीं दे रहे हैं। यह भी न्यायालय के आदेश की अवमानना है।