इंदौर । हम सबके जीवन में तीन तत्व बहुत प्रभावी भूमिका निभाते हैं। मंत्र, संत और तीर्थ। ये तीनों जीवन को सही गति और दिशा प्रदान करते हैं। मंत्र जीवन के संशयों की चाबी होते हैं, वहीं संत हमारे कल्याण का मार्ग दिखाते हैं। तीर्थ वह स्थान होता है जहां सभी देवी- देवता विराजते हैं। इन तीनों के समन्वय से ही जीवन की सार्थकता मिलती है। सिद्धाचल तीर्थ के लिए शास्त्रों में भी कहा गया है कि केवल दर्शन और स्पर्श मात्र से जन्म-जन्मांतर के पापों का क्षय हो जाता है। इंदौर के बंधुओं को 36 वर्ष बाद इतने पुण्यशाली संतों की निश्रा में इस तीर्थ के दर्शन का सौभाग्य मिल रहा है। इसे स्वर्णिम अवसर मानकर निर्णय लेना चाहिए। ये विचार हैं बंधु बेलड़ी आचार्य और सिद्धाचल महातीर्थ पालीताणा के लिए छ:री पालित यात्रा के प्रेरक जैनाचार्य जिनचंद्र सागर सूरीश्वरजी के, जो उन्होंने पीपली बाजार स्थित आदिनाथ जैन श्वेतांबर मंदिर में सिद्धाचल की निर्विघ्न तीर्थ यात्रा एवं विश्व शांति के लिए किए गए अभिषेक एवं पूजा के दौरान व्यक्त किए। नवकार परिवार के अभय गुरुजी, महेंद्र गुरुजी एवं प्रवीण गुरुजी ने बताया कि आचार्यश्री ने सबसे पहले पंचामृत, केशर, स्वर्ण, सुगंधित द्रव्यों एवं पुष्पों से भगवान आदिनाथ की गुण समृद्धि का वर्णन किया।
आज रेसकोर्स रोड पर मंगल प्रवेश जुलूस
रेसकोर्स रोड श्रीसंघ के डॉ. प्रकाश बांगानी ने बताया कि मंगलवार 5 फरवरी को प्रात: 9 बजे रेसकोर्स रोड स्थित गोल्डन हेरिटेज भवन से आचार्यश्री की मंगल प्रवेश यात्रा प्रारंभ होगी। जसुमतिबेन जसवंतलाल शाह परिवार इसके लाभार्थी होंगे। यह यात्रा 9.30 बजे रेसकोर्स रोड के आगमोद्धारक आराधना भवन पहुंचकर धर्मसभा में बदल जाएगी। बुधवार 6 फरवरी को बास्केटबॉल कॉम्प्लेक्स के पास जंजीरावाला चौराहा स्थित मोहता भवन पर प्रात: 9 बजे से वर्ष 2016 से चल रहे सिद्धाचल तप के 320 तपस्वियों का बहुमान होगा।