सैन फ्रांसिस्को। स्मार्टफोन की हर स्मार्टनेस विभिन्न एप्स पर ही निर्भर करती है। कॉल मिलाने से लेकर फोटो खींचने तक सब कुछ किसी ना किसी एप के जरिये ही होता है। स्मार्टफोन के बढ़ते इस्तेमाल ने एप्स का भी एक समानांतर बाजार खड़ा कर दिया है। इसी बाजार का फायदा कुछ एप डेवलपर गलत तरीके से भी उठाते हैं। कई एप डेवलपर धोखे से यूजर की जानकारियां चुराने की कोशिश करते हैं। गूगल ने हाल में ऐसे 29 ब्यूटी कैमरा एप्स को अपने एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म से हटाया है। ये सभी एप्स यूजर्स को ऐसी फिशिंग वेबसाइट तक ले जाते थे, जहां उनकी निजी जानकारियां चोरी होने का खतरा था। लाखों की संख्या में लोगों ने इन एप्स को डाउनलोड किया था। एशियाई देशों में इनका इस्तेमाल करने वालों की संख्या ज्यादा थी। विशेषरूप से भारतीयों ने इन्हें बड़ी संख्या में डाउनलोड किया था। अमेरिका की साइबर सिक्योरिटी फर्म ट्रेंड माइक्रो के मुताबिक, इन एप्स को गूगल ने प्ले स्टोर से हटा दिया है।
दिखाते हैं फर्जी विज्ञापन
जब यूजर इनमें से किसी एप को इंस्टॉल करता है, तब उसे कुछ भी गलत नहीं लगता। इंस्टॉल होने के बाद ये एप यूजर के स्मार्टफोन की स्क्रीन पर विज्ञापन पॉप-अप करने लगते हैं। विज्ञापन अक्सर फर्जी और पोर्न से संबंधित होते हैं। विज्ञापन इस तरह से आते हैं कि यूजर के लिए यह जानना भी मुश्किल हो जाता है कि विज्ञापन का स्रोत क्या है।
अनइंस्टॉल करना भी मुश्किल
यूजर इन एप्स को इंस्टॉल तो आसानी से कर लेते हैं, लेकिन इन्हें अनइंस्टॉल करना मुश्किल होता है। अक्सर इंस्टॉल होते ही ये एप एक शॉर्टकट बना देते हैं। शॉर्टकट के बाद इनका आइकन एप लिस्ट से गायब हो जाता है। ऐसे में यूजर के लिए इन्हें सीधे ड्रैग और अनइंस्टॉल करना संभव नहीं रह जाता है। अनइंस्टॉल करने के लिए यूजर को सेटिंग्स में जाना पड़ता है। क्लिक करने पर अक्सर ये विज्ञापन यूजर को ऐसे लिंक पर ले जाते हैं, जहां उनसे नाम और फोन नंबर जैसी निजी जानकारियां मांगी जाती हैं।