भोपाल। नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी (एनएलआईयू) में हुए डिग्री फर्जीवाड़े के मामले में जीसी के निर्णय के अब कार्रवाई होना शुरू हो गई है। जीसी के मिनिट्स आने के बाद विवि इस मामले में 31 स्टूडेंट्स के साथ फैकल्टी को शोकॉज नोटिस देगा। बताया जाता है कि दोषी छात्रों को दोबारा परीक्षा देने का एक और मौका भी दिया जा सकता है। जानकारी के अनुसार जीसी के मिनिट्स के आधार पर कुलपति वी विजयकुमार द्वारा पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार की गई है। इसमें कार्रवाई के प्रथम चरण में 31 स्टूडेंट्स व फैकल्टी को नोटिस देकर जवाब तलब किया जाएगा। सूत्र बताते हैं कि एनएलआईयू से फर्जी डिग्री लेने के बाद कई स्टूडेंट्स वर्तमान में उच्च पदों पर हैं। इनमें कई स्टूडेंट ऐसे हैं, जिन्हें फैकल्टी द्वारा अपना कारनामा छिपाने के लिए पास किया गया है। इसलिए विवि उनके साथ सहानुभूति दिखा सकता है। ऐसे स्टूडेंट्स को अपनी डिग्री वैध करने के लिए दोबारा परीक्षा का मौका दिया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस अभय गोहिल की जांच कमेटी द्वारा डिग्री फर्जीवाड़े में लिप्त लगभग डेढ़ दर्जन स्टूडेंट्स की जांच की गई थी। लगभग एक साल बाद पेश की गई जांच रिपोर्ट में कुछ छात्र दस्तावेजों और सबूतों के अभाव में बच गए थे। जस्टिस गोहिल की रिपोर्ट में अन्य सत्रों के छात्रों के भी फर्जीवाड़े में शामिल होने की आशंका जाहिर की गई थी। इसके बाद जीसी ने अन्य सभी छात्रों की डिग्री और दस्तावेजों की जांच के लिए रजिस्ट्रार गिरिबाला सिंह को अधिकृत किया था। इसके बाद लगभग डेढ़ सौ छात्रों की जांच रिपोर्ट तैयार कर जीसी में रखी गई थी।
बर्खास्त हो चुके हैं असिस्टेंट रजिस्ट्रार
इस फर्जीवाड़े के कर्ताधर्ता तत्कालीन असिस्टेंट रजिस्ट्रार रंजीत सिंह को बहुत पहले ही नौकरी से बर्खास्त किया जा चुका है। लेकिन, इसके बाद चली दोनों जांचों में अधिकांश छात्रों के दस्तावेज व सबूत नहीं मिलने के कारण क्लीन चिट मिल गई है। इधर, दूसरी ओर इतने बड़े विवि में दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं।